शिमला: : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से आग्रह किया है कि प्रदेश के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स और इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत वित्तीय सहायता दी जाए। शनिवार को नाबार्ड के उप-प्रबंध निदेशक गोवर्धन सिंह रावत के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने यह मांग रखी।
शनिवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर में हुई इस शिष्टाचार भेंट के दौरान प्रदेश की वित्तीय स्थिति और विकास योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राउंड माउंटिड सौर ऊर्जा परियोजनाओं को आरआईडीएफ के तहत वित्त पोषण मिलने से पंचायतें ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनेंगी और राज्य सरकार के ‘ग्रीन हिमाचल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इसी तर्ज पर उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों को भी इस योजना में शामिल करने का अनुरोध किया।

पहाड़ी राज्यों की विशेष भौगोलिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से आग्रह किया कि वार्षिक राज्यवार आवंटन तय करते समय देश के 11 पहाड़ी राज्यों के लिए अलग मानदंड बनाए जाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इसमें वन क्षेत्र, हरित पहल और पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान जैसे मापदंडों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र में एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने में नाबार्ड से सहयोग मांगा ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
बैठक के दौरान नाबार्ड के अधिकारियों ने सुझाव दिया कि धारा 118 के प्रावधानों के कारण सहकारी समितियों के सामने आ रही चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने दूध खरीद का कार्य प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) को सौंपने और उनके कम्प्यूटरीकरण में तेजी लाने का भी सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के अधिकारियों को आश्वासन दिया कि उनके सभी व्यावहारिक सुझावों पर विचार किया जाएगा और उन्हें राज्य की विकास रणनीति में शामिल किया जाएगा।