शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल 5 और 6 अक्टूबर को उज्जैन में होने वाली राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ की अखिल भारतीय कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों की लंबित मांगों को पुरजोर तरीके से उठाएगा। इस बैठक में पुरानी पेंशन बहाली, TET से छूट और आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण जैसे अहम मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी चर्चा होगी।
हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर, महामंत्री उमेश कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष चमन लाल कलवान, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय विपिन डोगरा और वरिष्ठ नेता गोपाल शर्मा के नेतृत्व में इस बैठक में शामिल होगा।

हिमाचल का प्रतिनिधिमंडल बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को राष्ट्रीय मंच पर रखेगा, जिनमें प्रमुख आउटसोर्स, MDM और आशा वर्कर्स की सेवाओं को स्थायी नीति के तहत लाना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना। कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ते (DA) और वेतन एरियर का शीघ्र भुगतान।
शिक्षा का अधिकार (RTE) नियम लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) से एकमुश्त छूट देना। 8वें वेतन आयोग का जल्द गठन और पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली तथा संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण और पदोन्नति से जुड़ी समस्याओं का समाधान है।
प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर ने कहा कि हमारा महासंघ हमेशा कर्मचारियों के हितों के लिए काम करता है। इस राष्ट्रीय बैठक में हम हिमाचल के कर्मचारियों की सभी मांगों को प्रभावी ढंग से रखेंगे, जिसमें आरटीई से पहले नियुक्त शिक्षकों को टेट से छूट दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि उन्हें उनका उचित सम्मान और अधिकार मिल सके।