शिमला : हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर से संबंध रखने वाले प्रगतिशील और युवा जैविक किसान आशीष नेगी ने एक बार फिर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। उन्हें Farmer Icon 40 Under 40 Awards 2025 में देश के टॉप 40 युवा कृषि नवप्रवर्तकों में स्थान मिला है। यह प्रतिष्ठित सम्मान कृषि जागरण द्वारा प्रस्तुत किया गया तथा ICAR के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें उन युवाओं को सम्मानित किया जाता है जो भारतीय कृषि को आधुनिक और टिकाऊ दिशा दे रहे हैं।
यह सम्मान 9 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि धानुका एग्रीटेक के चेयरमैन आर. जी.अग्रवाल ने आशीष नेगी को यह अवॉर्ड प्रदान किया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

हिमाचल प्रदेश से एकमात्र युवा किसान के रूप में चयनित होना नेगी के लिए गर्व का क्षण रहा। जैविक खेती, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और टिकाऊ कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में उनके निरंतर प्रयासों ने उन्हें देश के युवा किसानों के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है। किन्नौर जैसी दुर्गम क्षेत्र में रहते हुए भी उन्होंने न केवल रसायन-मुक्त खेती को अपनाया, बल्कि खेती को मुनाफ़े और पर्यावरण दोनों के अनुकूल बनाने के लिए कई नवाचार किए।
अवार्ड समिति ने नेगी के कार्यों को ग्रामीण विकास, जैविक उत्पादन में सुधार और नई पीढ़ी को खेती से जोड़ने के प्रयासों के लिए विशेष रूप से सराहा। Farmer Icon 40 Under 40 Awards का उद्देश्य उन युवा नेताओं को पहचान देना है, जिन्होंने कृषि, एग्री-उद्यमिता और सतत विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
आशीष नेगी ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा, “यह पुरस्कार केवल मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि उन सभी किसानों की मेहनत की पहचान है जो रसायन-मुक्त और टिकाऊ खेती को अपनाने का साहस रखते हैं। किन्नौर की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में खेती करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन जब उद्देश्य स्पष्ट हो, तो मेहनत अपने आप रास्ता बना लेती है। मैं चाहता हूँ कि ज्यादा से ज्यादा युवा खेती को एक सम्मानजनक और संभावनाओं से भरे पेशे के रूप में अपनाएँ।”
उन्होंने आगे कहा, “जैविक खेती सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर आगे बढ़ने का तरीका है। मैं आने वाले समय में अपने क्षेत्र के किसानों को और अधिक प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करने का प्रयास करता रहूँगा ताकि हम सब मिलकर हिमाचल को पूरी तरह जैविक राज्य बनाने की दिशा में योगदान दे सकें।”
इस उपलब्धि के साथ आशीष नेगी ने न केवल अपने परिवार और किन्नौर का सम्मान बढ़ाया है, बल्कि हिमाचल प्रदेश की युवा कृषि प्रतिभा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई है। उनका यह सम्मान यह साबित करता है कि यदि संकल्प और नवाचार हो, तो पहाड़ों से निकलकर भी कोई युवा भारतीय कृषि की दिशा बदल सकता है।