शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश और आपदा की भयावह स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को ‘आपदा प्रभावित’ घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जब तक बरसात का दौर जारी रहेगा, प्रदेश को आपदा प्रभावित माना जाएगा।

प्राथमिक अनुमान के अनुसार, प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं से अब तक लगभग 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इस आपदा में सड़कों, पुलों, पानी और बिजली की संरचनाओं को सबसे अधिक क्षति पहुंची है। चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, और कांगड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं।
सरकार ने राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर छेड़ दिए हैं। चंबा में मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि शेष को निकालने का अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस बल सहित विभिन्न एजेंसियां राहत कार्यों में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और आश्वासन दिया कि हर प्रभावित व्यक्ति तक मदद पहुंचाई जाएगी। फंसे हुए लोगों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था की जा रही है तथा क्षतिग्रस्त सड़कों और संचार सेवाओं को बहाल करने का काम तेजी से चल रहा है।