सोलन : आज के दौर में जब ईमानदारी एक दुर्लभ गुण बनती जा रही है, ऐसे में हिमाचल प्रदेश के मीनू कोच के दो कर्मियों ने जो उदाहरण पेश किया है, वह समाज के लिए प्रेरणादायक है। मीनू कोच की सोलन से कुपवी जाने वाली बस में शिवपुर निवासी सुषमा ठाकुर का पर्स गिर गया था, जिसमें करीब 3 लाख रुपये से अधिक मूल्य के जेवर रखे हुए थे।
चूंकि पर्स में न तो कोई पहचान पत्र था और न ही कोई संपर्क जानकारी, इसलिए इसे लौटाना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन बस के परिचालक बिट्टू नेगी (निवासी: गेहल) और चालक सुरेश छीनटा (निवासी: बोरा) ने अपनी जिम्मेदारी और ईमानदारी का परिचय देते हुए न केवल पर्स को सुरक्षित रखा, बल्कि पाँच दिनों तक इसकी देखभाल करते रहे।

कल सुबह जब किसी माध्यम से सुषमा ठाकुर का परिचालकों से संपर्क हुआ, तो उन्होंने तुरंत सारा सामान उन्हें लौटा दिया। पर्स में सोने व चांदी के गहने सहित कुछ नगदी भी थी, जिसकी कुल कीमत लगभग तीन लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
इस घटना के बाद सुषमा ठाकुर और उनका परिवार भावुक हो उठा। उन्होंने दोनों परिवहन कर्मियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “आज भी अच्छे और ईमानदार लोग समाज में मौजूद हैं, जिनकी वजह से विश्वास कायम रहता है।”
स्थानीय लोगों और यात्रियों ने भी परिचालक और चालक की ईमानदारी की सराहना की है। सोशल मीडिया पर भी यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।
यदि प्रशासन की ओर से ऐसे कर्मठ और ईमानदार कर्मचारियों को सम्मानित किया जाए, तो यह न केवल उनके लिए उत्साहवर्धक होगा, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।