शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री ने धारा-118 के अंतर्गत जमीन खरीद से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़े सार्वजनिक किए। मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश भूमि सुधार एवं भूमि संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत लागू धारा-118 वर्ष 1974 से प्रभावी है। इसका मूल उद्देश्य किसानों के अधिकारों की सुरक्षा करना, दलालों व मध्यस्थों के प्रभाव को रोकना, बाहरी लोगों द्वारा अनियंत्रित जमीन खरीद पर नियंत्रण रखना और गैर-कृषक व्यक्तियों द्वारा कृषि भूमि के केंद्रीकरण को रोकना है। इस कारण राज्य में बाहरी व्यक्तियों को जमीन खरीदने के लिए सरकार से विशेष अनुमति अनिवार्य है।
सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल 2023 से 31 अक्टूबर 2025 की अवधि में धारा-118 के कुल 1180 मामलों को मंजूरी दी गई। इनमें से 471 प्रकरण औद्योगिक/व्यावसायिक उपयोग से संबंधित थे, जबकि 734 आवेदन आवासीय व भवन निर्माण हेतु स्वीकृत हुए। मंत्री ने जिलेवार मंजूरियों का विस्तृत ब्यौरा भी सदन में रखा। सबसे अधिक स्वीकृतियां शिमला जिले में दर्ज की गईं, जहां 651 मामलों को अनुमति दी गई। वहीं सोलन में 235, सिरमौर में 124, कांगड़ा में 88, कुल्लू में 19, चंबा में 10, मंडी में 21, हमीरपुर में 5, बिलासपुर में 3 और उना जिले में 24 मामलों को मंजूरी मिली। किंनौर और लाहौल-स्पीति जिलों में इस अवधि में कोई भी मामला स्वीकृत नहीं हुआ।

राजस्व मंत्री ने बताया कि 13 मामलों को अस्वीकृत भी किया गया, क्योंकि वे धारा-118 के नियम 38 में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करते थे। यही नहीं, इस अवधि में 755 आवेदन अभी भी लंबित पड़े हुए हैं, जो विभिन्न स्तरों पर जांच और प्रक्रिया में हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि लंबित मामलों का निपटारा जारी है और प्रक्रिया को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
महत्वपूर्ण सुधारों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने बताया कि सरकार ने 2 नवंबर 2023 से धारा-118 की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और डिजिटल बना दिया है। अब आवेदक और विभागीय अधिकारी दोनों ही HP Single Window Clearance System Portal पर आवेदन की स्थिति आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ी है, फाइलों की गति तेज हुई है और पुराने समय की तरह फाइलें महीनों तक अटकी रहने की समस्या भी काफी हद तक कम हुई है।
सरकार को इस अवधि में धारा-118 के तहत कुल ₹73,27,92,457 का राजस्व प्राप्त हुआ है। मंत्री ने कहा कि धारा-118 हिमाचल की भूमि संरचना और सामाजिक संतुलन की सुरक्षा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है। सदन में पेश किए गए आंकड़े यह दर्शाते हैं कि सरकार भूमि खरीद अनुमतियों की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।