शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ ने भयानक तबाही मचाई है। हालांकि मौसम साफ हो गया है, लेकिन राज्य में जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त है। भूस्खलन, बाढ़ और अचानक आई आपदाओं ने करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है और सैकड़ों लोगों की जान ले ली है।

कुल्लू-मनाली का संपर्क टूटा, NH-3 का 700 मीटर हिस्सा बहा
बाढ़ और भूस्खलन से राज्य की सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। सबसे ज्यादा असर कुल्लू-मनाली हाईवे (NH-3) पर पड़ा है, जिसका करीब 700 मीटर हिस्सा रामशिला से मनाली तक कई जगहों पर व्यास नदी में बह गया है। इसके चलते मनाली और लाहौल घाटी का जिला मुख्यालय कुल्लू से संपर्क टूट गया है। लोगों को पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है। ओल्ड मनाली में मनालसू नाला पर बना पुल और सेऊबाग का पैदल पुल भी ध्वस्त हो गया है।
ब्यास नदी के रौद्र रूप ने मचाई तबाही
मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद ब्यास नदी अपने रौद्र रूप में आ गई। मनाली से लेकर कुल्लू और मंडी तक इसने भारी तबाही मचाई। मनाली के बांहग में दो रेस्तरां, तीन दुकानें, एक घर और तीन खोखे बाढ़ में बह गए। इसके अलावा, एक कार, ट्रक और पिकअप भी नदी में समा गई। रामशिला के पास तीन मकान और ओल्ड मनाली में सात खोखे भी बह गए हैं।
जान-माल का भारी नुकसान, करोड़ों की संपत्ति बही
इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में अब तक 2394 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। आपदा के कारण 306 लोगों की जान गई है, जबकि 367 लोग घायल हुए हैं और 38 अभी भी लापता हैं।
- घरों और दुकानों को नुकसान: 3,656 कच्चे-पक्के घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
- पशुधन की मौत: 2,819 गोशालाएं और 1,843 पालतू पशु भी इस आपदा की चपेट में आए हैं।
- बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित: कई इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति ठप है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
- मणिमहेश यात्रा स्थगित: खराब मौसम को देखते हुए मणिमहेश यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।
राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, और सरकार स्थिति को सामान्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।