शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज भारी बारिश और भूस्खलन से उपजी प्राकृतिक आपदा पर हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने चंबा ज़िले में आई आपदा का मुद्दा उठाया और मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल खड़े किए।

भाजपा विधायक हंसराज ने ‘पॉइंट ऑफ ऑर्डर’ के तहत चुराह और भरमौर में दूरसंचार और सड़क संपर्क टूटने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि इन इलाकों में फंसे लोगों को राशन तक नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं। विपक्षी सदस्यों ने, जिसमें विधायक जनक राज भी शामिल थे, सरकार से तुरंत सत्र स्थगित करने की मांग की ताकि राहत कार्यों पर पूरा ध्यान दिया जा सके।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जब प्रदेश आपदा से जूझ रहा है, मुख्यमंत्री एक “गैर-जरूरी” काम के लिए बिहार चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुश्किल घड़ी में उन्हें हिमाचल में रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करनी चाहिए थी। ठाकुर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के लिए राजनीतिक काम लोगों की जान बचाने से ज्यादा अहम हो गए हैं।
डिप्टी CM का पलटवार: ‘सरकार पूरी तरह गंभीर, इसे राजनीतिक रंग न दें’
इस आरोप पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आपदा का मामला बेहद संवेदनशील है और ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे सरकार कुछ नहीं कर रही। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने कल ही सभी ज़िलों के उपायुक्तों के साथ बैठक की है। अग्निहोत्री ने विपक्ष के इस दावे को गलत बताया कि 10,000 लोग फंसे हैं, और स्पष्ट किया कि 3,000 लोगों को पहले ही सुरक्षित निकाला जा चुका है।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर संसदीय कार्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष आपस में सत्र स्थगित करने पर सहमत होते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।