नाहन: जिला सिरमौर के पच्छाद व नाहन क्षेत्र के 22 गांवों को फील्ड फायरिंग एवं आर्टलरी के लिए परिभाषित कर दिया गया है। अवर सचिव गृह के माध्यम से जारी एक अधिसूचना के अनुसार उपायुक्त सिरमौर ने बताया कि मैनोवर फील्ड फायरिंग एवं आर्टलरी अभ्यास अधिनियम 1938 के पांचवे अधिनियम की धारा 9 व उसकी सहधारा एक के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रदेश के राज्यपाल द्वारा अगस्त माह से चार वर्षों के लिए नाहन तहसील के 14 तथा पच्छाद के आठ गांव फायरिंग रेंज हेतु परिभाषित कर दिए गए है, जिसमें नाहन तहसील के पटवार सर्कल बर्मापापडी, गुमटी, बास टोडेवाला, बास गुल्लरवाला, नैरीकोटरी, बलसार के गांव कौलांवालाभंूड, बलसार, भुडरा, क्यारी, सदर, खांदा, स्वरा, रामपुर, पंडोल, पटवार सर्कल निहोग के गांव गुषान, सरोगा, टिक्कर, झाजर, पप्लोह पत्ती, मंगानियाना तथा पच्छाद तहसील के पटवार सर्कल जामन की सेर के गांव दूनपत्ती, अपरों, पत्तीवाडव, संदोली, कन्याणा, कन्लोग, पटवार सर्कल जोहाना के गांव काहन बास, सकरोडा व पत्ती कन्लोग को नारायणगढ फील्ड फायरिंग रेंज ऐरिया परिभाषित कर दिया गया है।

उपायुक्त द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार फायरिंग अभ्यास के दौरान अप्रैल व नवंबर माह में सीजन अभ्यास के दौरान नहीं हुआ करेगा। यही नहीं अधिसूचना के अनुसार फायरिंग अभ्यास को सप्ताह में तीन दिनों तक ही सीमित रखा जाएगा। यदि पच्छाद क्षेत्र के ग्रामीणों के विवाह या अन्य समारोह आएंगे तो सेना के प्राधिकारियों को अभ्यास की अनुसूची में बदलाव भी करना होगा। उपायुक्त ने गृह विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार बताया कि सेना अधिकारियों को फायरिंग रेंज में एक नियंत्रण कक्ष बनाना होगा, जिसकी देखरेख के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त भी करना होगा। यह अधिकारी स्थानीय लोगों के रोजमर्रा उत्पन्न होने वाली षिकायतों का भी निवारण करेगा।

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