चंडीगढ़: पंजाब ऐग्रो एक्सपोर्ट कारपोरेशन से भाड़े और नान वुडिग़ पैकिंग के लिए पिछले तीन वर्ष में पूर्व वित्तमंत्री पंजाब मनप्रीत बादल परिवार ने 19 लाख रूपए की सबसिडी किन्नू की मार्किटिंग पर ली है। मिली जानकारी अनुसार पंजाब के दस बड़े किन्नू उत्पादकों में से मनप्रीत बादल किन्नू की करीब 120 लारियां भरकर कर्नांटक, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों को भेजते है। गत तीन वर्षों में वित्त मंत्री रहते हुए मनप्रीत बादल ने 8 लाख 26 हजार रूपए तथा इनके पिता और बहिन करीब 11 लाख रूपए की सबसिड़ी ले चुके है। यह खुलासा एक आर.टी.आई के माध्यम से उजागर हुआ है।

आर टी आई कार्यकर्ता अजय ठाकुर के अनुसार मनप्रीत बादल और उनका परिवार राज्य के दस किन्नू उत्पदकों में से एक है। उन्हे जो सबसिडी दी गई है, वह दूरस्थ घरेलू मार्किटिंग और पैकिंग सामग्री के लिए किसानों को दी जाती है। वर्ष 2007-8 में बादल सरकार के सत्ता में आने पर मनप्रीत बादल परिवार को 4 लाख 23 हजार रूपए की सबसिड़ी भाड़े के रूप में तथा एक लाख 95 हजार रूपए सबसिडी पैकिंग के लिए मिली, जबकि वर्ष 2008-9 में उन्हे एक लाख 44 हजार रूपए ढुलाई तथा 62893 रूपए की सबसिडी पैकिंग के लिए मिली। इस वर्ष ढुलाई के लिए 7 लाख 28 हजार रूपए तथा पैकिंग के लिए 3 लाख 52 हजार रूपए के अनुदान का दावा किया है। जिक्रयोग है कि मनप्रीत बादल ने किसानों को खैरात के तौर पर सबसिडी बांटने विशेषकर बड़े किसानों को आधार मानकर 13 अक्तूबर को मंत्रीपद से त्याग पत्र दिया। दूसरी तरफ मनप्रीत बादल का कहना है कि किन्नू की मार्किटिंग के लिए एक स्कीम के तहत सबसिडी इसलिए ली कि राज्य में किन्नू का ढेर न लग जाए और मजबूर होकर किसानों को किन्नू फैंकने न पड़े। उन्होने कभी कृषि संबंधी कोई सबसिडी नहीं ली है, क्योंकि उनके पास कोई टयूबवैल न है और न ही उन्होने टयूवबैल के लिए मुफ्त बिजली ली है। मनप्रीत बादल स्पष्ट करते है कि वैक्सिंग/ग्रेडिगं या प्री कूलिंग और कोल्ड स्टोरेज पर कोई अनुदान नहीं लिया है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version