नाहन:  ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज राजकीय शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 9वीं तथा 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को कानूनी पाठ की जानकारी देते हुए मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि भारतीय समाज की सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-राजनीतिक संरचना में घरेलू और जनता दोनों ही क्षेत्र के क्रिया-कलापों का संचालन किसी न किसी कानून द्वारा होता है तथापि हम में से अधिकतर लोग और आम नागरिक को कानून के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत तथा यहां की कुछ हद तक शहरों में लोगांे को मूलभूत कानून की जानकारी तथा उनके निदान का ज्ञान नहीं है और यदि हमें अपने नागरिकों, विशेषकर युवाओं जो राष्ट्र के भविष्य हैं को शक्तियां प्रदान करनी है तो उन्हें मूल ज्ञान प्रदान किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा अभियान से प्रदेश के 9वीं और 11वीं के स्कूली विद्यार्थियों को कानून के बारे में जागरूक कर उत्कृष्ठ समाज की संरचना में उन्हें कल के सुयोग्य नागरिक बनाने की दिशा में एक मील पत्थर साबित होगा और वे शासन से अपने अधिकारों को विभिन्न कानूनों के अंतर्गत प्रदत अधिकारी को सुनिश्चित करने के लिए सक्षम होंगे।

मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने शैक्षणिक संस्थाआंे में रैंिगंग को दण्डनीय घोषित किया है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर हिमाचल प्रदेश रैंगिग विरोधी कानून के तहत् तीन साल तक का कारावास या 50 हजार रूपये तक जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कोताही करने वाले को संस्था के मुखिका को भी दण्डित किया जा सकता है जिसके तहत् दो वर्ष तक का कारावास या 25 हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ देने का प्रावधान है।

इस अवसर पर स्थानीय स्कूल के प्रधानाचार्य श्री सतीश दुग्गल ने भी अपने विचार रखे।

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