ऊना: देश की आन बान शान और गौरव का प्रतीक तिरंगा ध्वज लोगों में राष्ट्रवाद की भावना पैदा करता है। इस बार आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत तिरंगा ध्वज लगाने के लिए हर घर तिरंगा नाम से राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, ऐसे में तिरंगे ध्वज से जुड़े नियमों का पूरी तरह से ध्यान रखना भी आवश्यक है। 

उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि पहले झंडे को लगाने से संबंधित नियम काफी सख्त थे, लेकिन फ्लैग कोड के कुछ नियमों को बदला गया है, जिसके बाद अब राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को दिन और रात, दोनों समय फहराया जा सकता है। पहले तिरंगा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता था। इस बदलाव के बाद अब आम लोग, निजी संगठन या संस्थान दिन और रात तिरंगा फहरा सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि तिरंगा फहराते हुए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि ध्वज जमीन या पानी के संपर्क में न आए। झंडे पर कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त, कटे-फटे या फिर उड़े रंगों वाला अस्त-व्यस्त ध्वज नहीं फहराना चाहिए। जब राष्ट्रध्वज क्षतिग्रस्त या बदरंग हो जाए या फिर कट फट जाए, तो उसे एकांत में पूर्ण सम्मान के साथ जलाकर या दफना कर नष्ट करना चाहिए, ताकि तिरंगे की गरिमा बनी रहे। 

राघव शर्मा ने कहा कि किसी वाहन, रेलगाड़ी, नाव या हवाई जहाज में तिरंगा ध्वज नहीं लगाया जा सकता। सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के वाहन में ही इसे लगाने की अनुमति है। ऐसे में ध्वज से जुड़े इन नियमों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। तिरंगे ध्वज का अपमान करने पर तीन साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। 

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