जगदलपुर-बस्तर (छत्तीसगढ़)। इस्पात मंत्री वीर भद्र सिंह ने घोषणा की कि एनएमडीसी का इस्पात संयंत्र की पहली इकाई का निर्माण कार्य आगामी 2012 में पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि संयंत्र की स्थापना के लिए आवश्यक जमीन के लिए भूमि-अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इस संयंत्र की स्थापना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। संयंत्र के निर्माण कार्य इसी वर्ष नवंबर-दिसंबर में आरंभ कर दिया जाएगा।

इस संयंत्र की स्थापना में लगभग 15 हजार करोड़ रूपए की लागत आ रही है। इस्पात मंत्री ने संकेत दिया है कि इस संयंत्र का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह आ सकते हैं।

वीर भद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने एनएमडीसी से कह रखा है कि वे इस संयंत्र में काम करने के लिए स्थानीय लोगों को तैयार करें। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से बस्तर के युवा उद्योगों में काम करने के तौर तरीके सीखेंगे।

भारतीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (एनएमडीसी) के अध्यक्ष राणा सोम ने मंगलवार को यहां कहा कि एनएमडीसी लिमिटेड प्रतिवर्ष आईटीआई, मेडिकल कालेज, स्कूल, सड़क आदि के विकास संबंधित अलग-अगल कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों के अंतर्गत बस्तर क्षेत्र में लगभग 100 करोड़ रूपए खर्च कर रही है। उल्लेखनीय है कि एनएमडीसी लिमिटेड देश में नंबर वन लौह अयस्क उत्पादक कंपनी है और यह कंपनी नगरनार (बस्तर) में 30 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता वाले एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना कर रही है।

मंगलवार को केंद्रीय इस्पात मंत्री, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह एवं एनएमडीसी अध्यक्ष राणा सोम ने यहां प्रस्तावित इस्पात संयंत्र स्थल का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने एनएमडीसी द्वारा सीएसआर के अंतर्गत बनाए गए आवासीय विद्यालय तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का उद्गाटन किया। बस्तर जिला के नगरनार, जहां पर इस्पात संयंत्र की स्थापना प्रस्तावित है, छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  ने कहा कि 15000 करोड़ की लागत से बनने वाले इस इस्पात संयंत्र की स्थापना होने से बस्तर क्षेत्र में क्रांतिकारी ढंग से सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव आएगा। उल्लेखनीय है कि बस्तर नक्सलवाद से प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि टाटा स्टील और एस्सार स्टील की वृहद निवेश परियोजना प्रस्तावित है, आगामी कुछ वर्षों में इसका आम भी आगे बढ़ेगा।

इस्पात राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि एनएमडीसी अपने लाभ का 2 प्रतिशत हि्स्सा सामाजिक कार्यों पर खर्च करेगी।

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