चण्डीगढ: हरियाणा के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने कहा कि 48 करोड़ रुपए के राशि खर्च करके प्रदेश के सभी 250 पुलिस थानों को इंटरलिंक कर ऑनलाइन किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए गृह राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी थानों में इंटरलिंक के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है। सभी पुलिस थानों में कंप्यूटर आदि की सुविधा प्रदान कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी सभी पुलिस थानों को ऑनलाइन किया जाना है।

ऑन लाइन मिलेगा अपराधियों का रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि यह सुविधा शुरु होने के बाद विभाग के अधिकारियों को अपराधियों की धरपकड़ में मदद मिलेगी यानी कोई भी अपराधी देश के किसी भी हिस्से में छुप नहीं पाएगा। सभी अपराधियों का रिकार्ड ऑनलाइन होगा। किसी भी पुलिस थाने में अपराधी की हिस्ट्री का पता लगाकर उसे बिना किसी विलंब के गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह योजना पूरे देश में लागू की जा रही है। योजना के तहत देश के लगभग 15 हजार से भी अधिक पुलिस थानों को इंटरलिंक किया जा रहा है। इस योजना के तहत जेल, अदालतों व अन्य कई विभागों को भी जोड़ा जाएगा। हरियाणा में यह कार्य आगामी 2011 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इंटरलिंक के इस कार्य के लिए राज्य में मुख्य सचिव श्रीमती उर्वशी गुलाटी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति द्वारा इस कार्य की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी थानों में कंप्यूटर स्थापित होने से सभी एफआईआर कंप्यूटर से दर्ज की जा रही है। अब अदालतों में भी चालान कंप्यूटर से पिं्रट करके निकालकर पेश किए जा रहे है। सभी थानों में कार्यरत कर्मचारियों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इंटरलिंक करने के दूसरे फेज में नेटवर्किंग का कार्य किया जाना है। इस योजना के लागू होने से अपराधियों को पकडऩे में सुविधा होगी ही साथ ही साथ अपराधों में भी कमी आएगी।

थानों को करवाया गया है आईएसओ प्रमाणित

श्री कांडा ने बताया कि प्रदेश में पब्लिक और पुलिस में बेहतर संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से सभी जिला में एक-एक थाने को मॉडल थाना बनाया गया है जिन्हें आई.एस.ओ प्रमाणित करवाया गया है। पूरे प्रदेश में अब तक दो दर्जन से भी अधिक थानों को आईएसओ प्रमाणित करवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सभी थानों में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कमप्लेंट विंडो सिस्टम शुरु किया गया है जिसके माध्यम से थानों में आने वाली सभी शिकायतों को कम्यूटराईजड कर पंजीकृत किया गया है। शिकायत दर्ज करवाने वाले को शिकायत नंबर और उसकी रसीद भी दी जा रही है। आई.एस.ओ के मापदंडों के अनुसार थानों का पूरा रिकार्ड व्यवस्थित रखा गया है। थानों में रखे सभी 25 तरह के रजिस्ट्ररों को पूरी तरह तिथि वार व्यवस्थित रखा गया है। उन्होंने बताया कि आई.एस.ओ प्रमाणित थानों में सफाई की भी विशेष व्यवस्था है। शिकायत करवाने वाले लोगों के बैठने के लिए वेटिंग रुम तथा वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके साथ-साथ थाना परिसरों में कैंटीन आदि की भी सुविधा की गई है। प्राथमिकी तौर पर लोगों की शिकायत का निपटारा करने के लिए थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गांव में ग्राम स्तरीय सामुदायिक समितियों का गठन किया जा चुका है, जो झगड़े किसी अपराध श्रेणी में नहीं आते उनका निपटारा ग्राम स्तरीय समितियों को दिया जा रहा है। जो दोनों पक्षों को विश्वास में लेकर झगड़ों का निपटारा कर रही है।

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