सिरसा:  पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के गढ़ रहे भिवानी व भजनलाल के हिसार के बाद अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला के गढ़ सिरसा में 25 दिसंबर को बढ़ते कदम रैली करने जा रहे हैं। सिरसा में कांग्रेस पूरी ताकत लगाने के बावजूद समीकरण अपने पक्ष में नहीं कर सकी है। इस मुहिम में हालांकि हुड्डा सिरसा लोकसभा क्षेत्र में तो फतह हासिल करने में कामयाब रहे लेकिन विधानसभा के आम व उपचुनाव में कांग्रेस के हाथ खाली ही रहे। यहां तक की सिरसा नगर परिषद में भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है। 2005 में कांग्रेस के पास सिरसा जिले की पांच सीटों में से दो थीं जबकि तीन पर इनेलो ने कब्जा किया। 2009 में चार इनेलो जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने कामयाबी हासिल की।

इन सबके बीच हुड्डा इस क्षेत्र में पूरी ताकत लगा रहे हैं। इस रैली की मुख्य कडिय़ों में ताऊ देवीलाल के पुत्र चौधरी रणजीत सिंह व उनके ही परिवार के डॉ.केवी सिंह जुटे हैं। इसके अलावा पूर्व जिला कांग्रेस प्रधान होशियारी लाल शर्मा, गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के अनुज गोबिंद कांडा तथा शहरी प्रधान भूपेश मेहता सहित अनेक छोटे-बड़े कांग्रेसी नेता रैली को कामयाब करने के लिए अपने-अपने स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाए हुए हैं। होशियारी लाल शर्मा द्वारा तो रैली के लिए बकायदा आमंत्रण पत्र छपवाये गए हैं जोकि किसी भी रैली के लिए पहली बार है। इस रैली को बड़ी ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बताते हैं कि वैसे तो यहां के कांग्रेसियों के बीच विवाद की गाथा किसी से छिपी नहीं है लेकिन इस रैली में रिकॉर्ड तोडऩे की तैयारी है। हुड्डा भी रणजीत सिंह जैसे दिग्गज की पैठ का आकलन इस रैली के जरिए करना चाहते हैं। इसमें भी कोई दो-राय नहीं है कि चौटाला के गढ़ में सफल रैली करना भिवानी व हिसार से कहीं ज्यादा बड़ी बात है। एक ऐसी स्थिति में जब पक्ष व विपक्ष इन दिनों पूरी तरह आमने-सामने हैं। सिरसा वही क्षेत्र है, जहां सोनिया गांधी,राहुल गांधी व हुड्डा की पहले भी रैलियों हो चुकी हैं। लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर के रूप में राहुल गांधी अपने टीम के सिपाही को जिताने आए थे। अब इस रैली को लेकर कांग्रेसियों ने सांसद अशोक तंवर के नेतृत्व सारी ताकत झौंक रखी है।

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