कुल्लू : जिला कुल्लू के मुख्यालय रामशिला में सोमवार को देवभूमि जागरण मंच और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा वक्फ बोर्ड के खिलाफ धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य देशभर में वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग करना और अवैध रूप से बन रही मस्जिदों के खिलाफ आवाज उठाना था। इस प्रदर्शन ने कुल्लू शहर में भारी तनाव पैदा किया और शहर दोपहर तक बंद रहा। रैली के दौरान कुल्लवी नाटी का आयोजन किया गया, जिसमें ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोग झूमते हुए दिखाई दिए।
हिंदू संगठनों का आरोप था कि अखाड़ा बाजार में स्थित मस्जिद अवैध है। उन्होंने प्रशासन से इस मस्जिद के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। हालांकि, जिला प्रशासन ने रविवार को इस मस्जिद को वैध बताया और कहा कि मस्जिद का निर्माण शहरी विकास विभाग के पास लंबित है। प्रशासन के इस फैसले के बाद भी हिंदू संगठनों ने सोमवार को वक्फ बोर्ड और हिंदू विरोधी ताकतों के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर ली थी।
सुबह से ही जिला प्रशासन ने शहर में धारा 163 लगा दी थी। पुलिस ने रामशिला और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरिकेड्स लगाकर शहर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की। इसके बावजूद हजारों लोग रामशिला में एकत्रित हो गए और वक्फ बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन की खास बात यह रही कि प्रदर्शनकारियों ने कुल्लवी नाटी का आयोजन किया, जो कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर है। ढोल-नगाड़ों की थाप पर प्रदर्शनकारियों ने उत्साह से नृत्य किया और विशाल रैली का आयोजन किया। रैली में ‘जय श्री राम’ और ‘हनुमान चालीसा’ के पाठ भी किए गए।
कुल्लू शहर पूरी तरह से दोपहर तक बंद रहा। हजारों लोगों की भीड़ रामशिला से अखाड़ा बाजार होते हुए ढालपुर पहुंची, जहां उन्होंने डीसी कार्यालय के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वक्फ बोर्ड को अब केवल संशोधित नहीं, बल्कि भंग करने की जरूरत है, क्योंकि यह हिंदू विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
अखाड़ा बाजार में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच थोड़ी गहमा-गहमी भी हुई, जब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालांकि, स्थिति जल्द ही नियंत्रित कर ली गई। पुलिस ने पहले से ही शहर में विभिन्न स्थानों पर नाकाबंदी कर रखी थी, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।