नाहन : जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में किया गया जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त सिरमौर सुमित खिम्टा ने की।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा ने बैठक के दौरान मंच संचालन करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत बच्चों को त्वरित लाभ प्रदान करने के लिए योजना में संशोधन किया गया है। इसका विकेंद्रीकरण करके अधिकतर शक्तियां जिला स्तर पर गठित समिति को प्रदान की गई है ताकि बच्चों अथवा व्यक्तियों को जल्द से जल्द लाभ प्रदान किए जा सके।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत अब परित्यक्त और आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे जिन्हें उनके जैविक या दत्तक माता-पिता या अभिभावकों ने त्याग दिया है को परित्यक्त बच्चों को लिया गया है जबकि वह बच्चे जिन्हें माता-पिता या अभिभावकों ने शारीरिक, भावनात्मक या सामाजिक कारणों से त्याग दिया है और जो उनके नियंत्रण से परे है समर्पित बच्चों की श्रेणी में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत पात्र बच्चों के प्रमाण पत्र जिला बाल कल्याण समितियों द्वारा जारी किए जाएंगे तथा अंतिम मंजूरी के बाद इन बच्चों को लाभ प्रदान किया जाएगा जिसमें 14 वर्ष की आयु तक 1000 रुपये की मासिक सहायता और 18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपये दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक हर माह 4000 रूपये की पाॅकेट मनी भी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उनकी उच्च शिक्षा का पूरा खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाएगा तथा छात्रावास उपलब्ध न होने पर पीजी खर्च के लिए 3000 रुपये भी प्रदान किए जाएगें।
उन्होंने बताया कि इन बच्चों को आजीविका के लिए राज्य सरकार द्वारा 2 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे तथा शादी के लिए उन्हें 2 लाख और घर बनाने के लिए जमीन और वित्तीय सहायता के लिए 3 लाख रुपये भी दिए जाएगें।
उपायुक्त ने समिति के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस योजना की समीक्षा करते है इसलिए सभी जागरूकता शिविर के दौरान इस योजना के बारे में प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके अतिरिक्त उद्योगों को भी इस योजना के बारे में जानकारी दी जाए ताकि इस योजना में उनका भी सहयोग प्राप्त हो सके। उन्होंने आदेश दिए कि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि डाॅ वाई एस परमार छात्रवृति के तहत पात्र बच्चों का चयन किया जाए। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यो से बैठक कर चर्चा करने के उपरान्त पात्र बच्चों का चयन किया जाए।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा, जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा तथा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।