सुंदरनगर: पूरे विश्व के लोगों को तंबाकू के खतरों से बचाने के लिए और सभी लोग तंबाकू के खतरों के प्रति सचेत रहें इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना दिवस पर पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुछ सदस्यों द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस का शुभारंभ किया गया। आगे चलकर 31 मई 1987 को पहली बार पूरे विश्व में नो तंबाकू डे का आयोजन किया गया। 

कोविड-19 के चलते डीएवी पब्लिक स्कूल सुंदरनगर द्वारा यह दिवस वर्चुअल मनाया गया। कक्षा 9 वीं से 11वीं कक्षा तक विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई गई जिसे एनसीसी ,स्काउट एंड गाइड व हेल्थ क्लब के तत्वधान द्वारा पूरा किया गया। विद्यार्थियों ने इन प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लिया। 

डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य मोहित चुग ने बताया कि जहां एक तरफ व्यक्ति खुद को नशे के चलते बर्बाद करता है, वहीं नशे के कारण उसके साथ रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। तंबाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे-धीरे करके मौत के मुंह में धकेलता रहता है। तंबाकू में मादकता या उत्तेजना देने वाला मुख्य घटक निकोटीन है यही तत्व सबसे ज्यादा घातक भी है l आज के दिन हमें संकल्प लेना चाहिए कि ना खुद हम कोई नशा करें और ना ही किसी को करने दें। 

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