नाहन: वैदिक काल में महिला प्रधान समाज हुआ करता था, नारी को पुरूषों के बराबर अधिकार प्राप्त थे। नारी का व्यक्तित्व बहुआयामी है, प्रेम, समर्पण एवं विश्वास के गुण उसमें कूट-कूट कर भरे हैं। नारी होना गर्व की बात है, उक्त उदगार उपायुक्त सिरमौर श्रीमती मीरा मोहन्ती ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नाहन द्वारा नाहन के किसान भवन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि के रूप में व्यक्त किये। इस अवसर पर ज़िला की लगभग 500 महिलाओं ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं महिलाओं ने समाज के हर क्षेत्र में उन्नति की है। समर्पण और प्रेम महिला का स्वाभाविक गुण है आज महिला अध्यात्मिक विकास के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की योग्यता रखती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में महिलाओं को वर्ष, 2008 से 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है तथा मातृशक्ति बीमा योजना के माध्यम से महिला अथवा उसके कमाने वाले पति की मृत्यु पर एक लाख रूपये का प्रावधान है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए सरकार द्वारा 11000 रूपये देने का प्रावधान है। बेटी अनमोल कार्यक्रम के अंतर्गत दो कन्याओं के जन्म पर प्रत्येक के नाम डाकघर में 5100 रूपये फिक्स डिपोजिट का प्रावधान, मातृसेवा योजना के अंतर्गत अस्पतालों में निःशुल्क संस्थागत प्रसव के बाद 48 घण्टे तक मुफ्त ईलाज व घर लेजाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना वर्तमान सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु उठाए गए सशक्त कदम हैं।
उपायुक्त ने कहा कि ज़िला सिरमौर में छः बाल विकास परियोजनाओं के माध्यम से 1462 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं जिनके माध्यम से 40,822 बच्चों को तथा 5840 गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली किशोरियों, 9222 गर्भवती व धात्री माताआंे को पोषाहार वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज़िला में समस्त बाल विकास परियोजनाओं को चालू वित्त वर्ष में लगभग 6.80 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया था जिसमें अब तक लगभग 4.80 करोड़ रूपये व्यय किये जा चुके हैं। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं तथा मनरेगा व सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान में अपना रचनात्मक योगदान दें।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित ज़िला पुलिस अधीक्षक श्रीमती पुनीता भारद्वाज ने महिला दिवस पर सभी महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि अपनी बेटियों को ज्ञान की शक्ति का उपहार दे उसे शिक्षित बनाकर अधिकारिता प्रदान करें और उसे ऐसा प्रशिक्षण दें जिसे वह शारीरिक व बौधिक रूप से मजबुत बन सके।
ज़िला लोक सम्पर्क अधिकारी श्री उत्तम कुमार ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि सबसे पहले 28 फरवरी, 1909 को महिला दिवस के रूप में मनाया गया बाद में वर्ष 1917 से इसे अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया तथा तब से 08 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इस अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नाहन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ‘‘कोमल है कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है, सबको जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है’’ समूह गान प्रस्तुत किया। आंगनवाड़ी भोंग, ददाहू, पांवटा साहिब, नाहन के बच्चों तथा वर्करों द्वारा भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई।
अधीक्षक श्री सुरेश पंकज द्वारा विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई तथा इस अवसर पर उपस्थित सभी महिलाओं का सीडीपीओ नाहन श्रीमती शांति बिष्ट द्वारा विभाग की ओर से धन्यवाद किया गया।
कार्यक्रम में महिला मण्डलों एवं स्वयं सहायता समूहों अपने उत्पादांे तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग नाहन द्वारा सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों, योजनाओं तथा उपलब्धियों, नशानिवारण पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन सबके लिए आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
इस अवसर पर ज़िला राजस्व अधिकारी श्रीमती ज्योतिराणा, डीएसपी श्रीमती बबीता राणा, परियोजना अधिकारी सर्वशिक्षा अभियान श्रीमती प्रोमिला बंसल, उप निदेशक पशुपालन डॉ0 प्रमोद गुप्ता, उप निदेशक शिक्षा श्री जगदीश नेगी के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।