मंडी: मंडी जिला प्रशासन जल जनित रोगों से लोगों के बचाव को लेकर सभी एहतियाती कदम उठाने के साथ साथ जन जागरूकता पर जोर दे रहा है। लोगों को पेयजल स्रोतों की साफ सफाई को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा उपायुक्त अरिंदम चौधरी के निर्देशानुसार स्वास्थ्य और जल शक्ति विभाग पेयजल स्रोतों की साफ-सफाई तथा स्रोतों की क्लोरीनेशन सुनिश्चित बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त, पेयजल स्रोतों से सैंपल लेकर पानी की जांच की जा रही हैं, ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।
अरिंदम चौधरी का कहना है कि साफ-सुथरे रहन-सहन, स्वस्थ खान-पान एवं बचाव को लेकर आवश्यक एहतियात बरतने से पीलिया समेत अनेक जल जनित रोगों से आसानी से बचा जा सकता है। जिले में स्वच्छता अभियान के तहत पेयजल स्रोतों की साफ-सफाई पर विशेष बल दिया गया है तथा इस कार्य के लिए संबंधित विभाग स्थानीय लोगों का सहयोग भी सुनिश्चित बना रहे हैं।

पीलिया के लक्षण
मंडी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा पीलिया रोग के लक्षणों के बारे में बताते हैं कि इसमें पीड़ित को आंखों के सफेद भाग का पीला होना, बुखार रहना व भूख न लगना, जी मितलाना और कभी-कभी उल्टियां होना, पीला पेशाब आना, चिकनाई वाले भोजन से अरुचि, अत्यधिक कमजोरी व थकान महसूस होना तथा पेट के ऊपरी दाएं भाग में भारीपन या दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं।

रोकथाम एवं सावधानियां
डॉ. देवेंद्र शर्मा का पीलिया रोग से बचाव के लिए लोगों को सुझाव है कि वे पेयजल को कम से कम 15-20 मिनट तक उबाल कर पिएं, मीठे पदार्थों का सेवन करें एवं खाद्य पदार्थों को ढककर रखें। खाना बनाने, परोसने, खाने से पहले व बाद में और शौच जाने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोेएं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें तथा यह ख्याल रखंे कि कूड़ा-कर्कट इधर-उधर न फैले । पीलिया के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी लोगों से आग्रह करते हुए कहते हैं कि वे गले-सड़े या कटे फल और सब्जियों का सेवन न करें, पानी के स्रोतों दूषित न करें, खुले में शौच न करें। पीलिया होने पर चिकनाई युक्त भोजन न करें, भारी काम न करें, शराब का सेवन न करें।
पीलिया झड़वाने के लिए झाड़-फंूक में समय न गंवाएं। तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

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