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भारत में अब चिप आधारित ई-पासपोर्ट बनेंगे, धोखाधड़ी होगी नियंत्रित

दिल्ली: भारत सरकार ने केंद्रीय बजट में नई जेनरेशन के पासपोर्ट बनाने की घोषणा की है। आधुनिक टेक्नोलॉजी के आधार पर यह पासपोर्ट अधिक सुरक्षित होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया की देश के नागरिकों को अब ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नागरिकों को उनकी विदेश यात्रा में आसानी हो सके इस उद्देश्य से 2022-23 में ईम्बेडेड चिप तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि ई पासपोर्ट में लगाने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक चिप सम्पूर्ण जानकारी को सुरक्षित रखेगी। चिप में पासपोर्ट धारक का नाम और पता सभी संबंधित जानकारियां संरक्षित होंगी। ई-पासपोर्ट की मदद से जाली पासपोर्ट बनने से भी रोके जा सकेंगे। साथ ही इसके माध्यम से पासपोर्ट संबंधित अन्य प्रकार की धोखाधड़ी भी नियंत्रित हो सकेगी। इस प्रकार के पासपोर्ट सरलता से इमीग्रेशन काउंटर पर स्कैन किए जा सकेंगे।

वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कई सुविधाओं के डिजिटलीकरण पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कई नई डिजिटल शुरूआत करने की भी घोषणा की । उन्होंने बताया कि डाक घरों में कोर बैंकिंग सिस्टम शुरू हो जाएगा, जिससे ह्यवित्तीय समावेशन संभव होगा और नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम के माध्यम से अपना खाता देखा जा सकेगा। डाक घर के खाते से बैंक खाते के बीच धन का ऑनलाइन अंतरण भी हो सकेगा।

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इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसानों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए इंटर-ऑपरेबिलिटी और वित्तीय समावेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव मनाने के लिए सरकार ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिटों की स्थापना का प्रस्ताव किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता अनुकूल तरीके से देश के सभी हिस्सों तक डिजिटल बैंकिंग की पहुंच कायम हो।

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