ऊना: मनरेगा योजना जहां जिला ऊना के ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी हो रहा है। जिला ऊना में मनरेगा के तहत खर्च होने वाली धनराशि में निरंतर बढ़ौतरी हो रही है। वर्ष 2020-21 में जिला ऊना में योजना के अंतर्गत कुल 56.04 करोड़ रुपए व्यय हुए थे, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 58.17 करोड़ पहुंच गए।जिला ऊना में वर्ष 2020-21 में कुल 15,01,715 कार्य दिवस अर्जित किए गए। बंगाणा में सबसे अधिक 5,74,245 जबकि गगरेट में सबसे कम 1,61,146 कार्य दिवस अर्जित किए गए।

साथ ही 100 दिन का कार्य करने वाले श्रमिकों की संख्या 3952 रही। जबकि वर्ष  2021-22 में कुल 16,85,087 कार्य दिवस अर्जित किए गए। इस अवधि के दौरान हरोली में सबसे अधिक 4,76,698 तथा गगरेट में सबसे कम 1,99,271 कार्य दिवस अर्जित किए गए। इसके अलावा 100 दिन से अधिक कार्य करने वाले मज़दूर 3514 रहे। सीईओ डीआरडीए तथा उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजिविका को सुरक्षा प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 बनाया गया है, जिसका उद्देश्य रोजगार सुनिश्चित करना एवं स्थाई परिसम्पत्तियों का सृजन करना है। डीसी ने कहा कि यह योजना जिला ऊना में बेहतर ढंग से क्रियान्वित की जा रही है और इसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

नियमित रूप से योजना की समीक्षा की जाती है और कमियों को दूर करने के लिए संबंधित खंड विकास अधिकारी को आदेश जारी किए जाते हैं। मनरेगा के तहत पैसों का भुगतान भी समय पर हो रहा है। समय पर भुगतान करने की स्थिति भी जिला ऊना में पहले से बेहतर बनी है और समय पर पेमेंट करने की प्रतिशतता 96.51 हो गई है। इस मामले में ऊना विकास खंड सबसे आगे हैं, जहां की प्रतिशतता 99.98 है। योजना के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान बैंक, डाकघर के बचत खातों के माध्यम से किया जाता है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मनरेगा के साथ-साथ ग्रामीण विकास की अन्य योजनाओं के माध्यम से पूरे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।

प्रदेश का एक समान विकास सुनिश्चित किया जा रहा है और आज मनरेगा का अन्य योजनाओं के साथ कनवर्जेंस कर बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बजट 2022-23 के लिए विभाग का बजट बढ़ा दिया है। ग्रामीण विकास विभाग के लिए बजट में 1662 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यों में तेजी आएगी। इसके अतिरिक्त छठे राज्य वित्तायोग के माध्यम से पंचायतों को 352 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। 

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