नाहन: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में राजपूत सभा जिला सिरमौर द्वारा स्थापित प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय डा. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा का अनावरण किया और उनकी याद में उस स्थान का नाम यशवंत चौक रखा। उन्होंने प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री को पुष्पांजलि अर्पित की। स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव बिंदल, मुख्य संसदीय सचिव श्री सुख राम चौधरी, विधायक एवं स्वर्गीय डा. वाई.एस. परमार के सुपुत्र श्री कुश परमार तथा उनके परिवार के सदस्यों ने भी इस अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर उपस्थि विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने महान दृष्टा एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा. वाई.एस. परमार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डा. परमार की प्रतिमा का अनावरण उनके लिए एक महान क्षण है। डा. परमार जैसे विभूतियां कई शताब्दियों में एक बार जन्म लेती हैं और उन्हें किसी एक राजनीतिक विचारधारा में बांध कर नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि डा. परमार बहूमुखी व्यक्तित्व के स्वामी थे।

प्रो. धूमल ने कहा कि देश के सभी भूतपूर्व राजाओं को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए सहमत करने में डा. परमार की विशेष भूमिका रही। हिमाचल प्रदेश का अलग अस्तित्व भी उन्हीं के प्रयासों के कारण सम्भव हुआ। उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश की जनता की आवश्यकताएं पूरी हुई और राज्य का तीव्र विकास सम्भव हुआ। डा. परमार के नेतृत्व में ही वर्ष 1966 में पंजाब राज्य के पुनर्गठन के समय पंजाब के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश में मिलाया गया और इस प्रकार हिमाचल का वर्तमान आकार सामने आया। उन्होंने कहा कि डा. परमार ने सदैव समाज के कमजोर वर्गों के हित को सर्वोपरि रखा।

मुख्यमंत्री ने मूर्तिकार श्री नरेश वर्मा और अन्य लोगों को मूर्ति स्थापना में योगदान देने के लिए सम्मानित किया।

प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य सरकार ने यशवंत गुरुकुल आवास योजना आरम्भ की है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के जनजातीय, पिछड़े तथा दुर्गम क्षेत्रों में तैनात अध्यापकों को ऐसे स्थानों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसी इकाइयां निर्मित की गई हैं। डा. परमार ने हिमाचल प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाया और वर्तमान राज्य सरकार उनका अनुसरण कर रही है। उन्होंने कहा कि डा. परमार राष्ट्रीय स्तर के ऐसे नेता थे, जिन्होंने प्रगतिशील एवं विकसित हिमाचल की परिकल्पना की।

सुश्री आरूषि चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

विधायक एवं स्वर्गीय डा. वाई.एस. परमार के सुपुत्र श्री कुश परमार ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और स्वर्गीय डा. परमार की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर राज्य के राजनीतिक इतिहास और डा. परमार की भूमिका की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डा. परमार ने हिमाचल प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

जिला सिरमौर राजपूत सभा के अध्यक्ष श्री दिनेश चौधरी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर डा. वाई.एस. परमार की जीवनी से लोगों को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय डा. परमार को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे।

विधायक श्री गंगू राम मुसाफिर, डा. प्रेम सिंह, श्री हर्ष वर्धन चौहान, अध्यक्ष जिला परिषद श्रीमती मंजू शर्मा, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री चन्द्र मोहन ठाकुर, जिला सिरमौर भाजपा अध्यक्ष श्री बलदेव तोमर, उपायुक्त श्री पी.एस. चौहान, पुलिस अधीक्षक श्रीमती पुनीता पण्डित, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और स्वर्गीय डा. परमार के प्रशसंक इस अवसर पर उपस्थित थे।

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