मुंबई: `द हिन्दू´ की खबर के हवाले से मालूम चला है कि उड़ीसा की नियमगिरी पहाड़ी के पास लगने वाले वेदांत एल्यूमिनियम परियोजना के लिए जो जनसुनवाई आयोजित की गई थी उसके परिणाम को अब उलट कर बताया गया है। उस समय सरकारी अधिकारियों द्वारा कुलमिलकर केवल 27 बयान ही दर्ज किये गए थे जिसमें से केवल 1 आदमी ऐसा था जिसने वेदान्त परियोजना का पक्ष लिया था। उनमें से 9 आदमियों ने कहा था कि अगर उन्हें रोजगार और उचित राहत दिया जाएगा तभी वो परियोजना को अपना समर्थन दे सकते हैं। जबकि 17 आदमियों ने कहा था कि हम इस परियोजना का पूरी तरह से विरोध करते हैं। उस समय प्रशासन ने कहा था कि कानून व्यवस्था बिगड़ने के आशंका की वजह से हमे जनसुनवाई स्थगित करनी पड़ी है। मगर अब देखिए, प्रशासन के रिकार्ड कहते हैं कि स्थानीय जनता इस परियोजना के पक्ष में खड़ी हैं। इस तरह परियोजना को आगे बढाने के लिए स्थानीय स्तर पर जारी विरोध पर पर्दा डाला गया है। जबकि स्थानीय जनता के साथ-साथ पर्यावरण और नागरिक अधिकारों से जुड़े कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जनसुनवाई के समय जनता से ज्यादा तो पुलिस वाले और वेदांता के गुंडे हाजिर थे जिन्होंने प्रभावितों के विरोध को ही प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

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