ऊनाः जिला ऊना के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब व मध्यवर्गीय परिवारों की सहायता के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत शहरी क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों को साथ जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए ग्रुप को सरकार की ओर से चार प्रतिशत ब्याज पर 10 लाख रुपए का लोन के साथ-साथ 10 हजार रुपए का रिवॉल्विंग फंड मिलता है, जिससे महिलाएं विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर उन्हें बाजार तक पहुंचाती हैं तथा बिक्री से होने वाले मुनाफे को आपस में बांटती हैं।नंगल कलां के गौरी स्वयं सहायता समूह की प्रधान सुनीता बताती है कि वर्ष 2019 में नगर पंचायत टाहलीवाल के माध्यम से एक लाख रूपये का लोन लिया था, ताकि वह हैंड मेड उत्पाद बना सके। गौरी ग्रुप की 10 महिलाएं आचार, मोमबत्ती, कलीरे व तोरन जैसे उत्पाद तैयार करने का काम करती हैं और उत्पादों को नगर पंचायत टाहलीवाल या अन्य मेलों में स्टॉल लगाकर बेचती हैं।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की इस योजना के लिए सभी महिलाएं सरकार का धन्यवाद करती हैं। टाहलीवाल निवासी संतोष कुमारी बताती हैं कि बचपन से ही एक टांग पोलियो ग्रस्त है, बावजूद इसके समूह के साथ जुड़कर मोमबत्ती, सर्फ व आचार इत्यादि उत्पाद बनाने का काम करती है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग होने के कारण आजीविका का कोई अन्य साधन नहीं था। लेकिन जब से वह रविदास स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, तब से अच्छी आजीविका अर्जित कर रही है तथा अपने घर का पालन पोषण भी काफी अच्छे तरह से कर रही है। एनयूएलएम से जुड़ने की पात्रताएनयूएलएम में जुड़ने पर लगभग 5-10 महिलाओं का एक स्वयं सहायता समूह बनाया जाता है तथा उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।

नगर पंचायत टाहलीवाल की सीओ राधा बताती हैं कि टाहलीवाल नगर पंचायत में 36 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इन सभी समूहों को पहले उत्पाद तैयार करवाने की ट्रेनिंग उपलब्ध करवाई जाती है, जिसके उपरांत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आचार, मोमबत्ती, सर्फ व पापड़ आदि बनाने का कार्य कर रही हैं। टाहलीवाल के सभी स्वयं सहायता समूह अच्छे से कार्य कर रहे हैं तथा इनसे जुड़कर महिलाएं अपने घर का खर्च चलाने में सक्षम बनी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं एनयूएलएम से जुड़कर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सिटी मिशन प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि शष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत शहरी गरीब व बीपीएल परिवारों को जोड़ा जाता है। जिला ऊना में 357 स्वयं सहायता समूह इन्हीं योजनाओं के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। नगर परिषद ऊना में 144 स्वयं सहायता समूह, संतोषगढ़ में 57 समूह, मैहतपुर में 52, नगर पंचायत गगरेट व टाहलीवाल में 36-36 तथा नगर पंचायत दौलतपुर में 32 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version