नाहन : आस्था और भक्ति से ओतप्रोत हसनपुर गद्दी के सेवादारों ने शिमला से नाहन तक कठिन पैदल यात्रा पूरी की। सेवादार रजत भगत और उनके साथ सोनू, अर्जुन और गुड्डू ने 22 अगस्त की सुबह 5:30 बजे शिमला से इस यात्रा की शुरुआत की थी।
पहले दिन चारों सेवादार पैदल चलते हुए सोलन पहुंचे और रात को गाड़ी में ही विश्राम किया। इसके बाद उनका पड़ाव नैना टिक्कर रहा, जहाँ लगभग 2 घंटे का विश्राम करने के बाद वे आगे बढ़े। अगला ठहराव सराहां रहा, जहाँ उन्होंने रात को करीब 2 घंटे विश्राम किया। इसके बाद लगातार पैदल चलते हुए चारों सेवादार आज सुबह करीब 9 बजे नाहन पहुंचे और रानी का बाग स्थित रेहपा चौधरी मंदिर (नहानिया बाबा, कार्मल कॉन्वेंट स्कूल के पास) में माथा टेका।

इस मौके पर सेवादार रजत भगत ने बताया कि “हर साल इन दिनों हम छड़ी लेकर आते हैं, लेकिन बाबा जी की कृपा से पहली बार हम चार लोग पैदल यात्रा कर नाहन पहुंचे हैं।”
यात्रा के दौरान शिमला से हसनपुर गद्दी के अन्य सेवादार भी गाड़ियों के माध्यम से आज सुबह नाहन पहुंचे। उनकी संख्या 80 से अधिक रही। इनमें से कई श्रद्धालुओं ने सड़क से मंदिर तक दंडवत यात्रा कर अपनी आस्था प्रकट की।
स्थानीय श्रद्धालुओं ने सेवादारों का स्वागत करते हुए इस पैदल यात्रा को आस्था और विश्वास का अद्भुत उदाहरण बताया। पूरा माहौल धार्मिक उत्साह और भक्ति भाव से सराबोर रहा।