सोलन: हर साल दुनियाभर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद है लोगों को कैंसर बीमारी के प्रति जागरूक कर, इस बीमारी को मात देना है। हर साल कैंसर डे पर नई थीम जारी की जाती है। इसका उद्देश्य हैं, कैंसर के लक्षण और बचाव के लोगों को जानकारी देना। विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम है -क्लोज द केयर गैप। इस विषय में आईजीएमसी शिमला की कैंसर यूनिट के एचओडी डॉ.मनीष गुप्ता से बात की।

 डॉ. गुप्ता ने कहा कि हर साल 4 फरवरी को हर साल वल्र्ड कैंसर डे मनाया जाता है, ताकि दुनिया भर के लोगों में कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाई जा सके। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, खासतौर पर अगर इसका निदान समय पर न हो सके। कैंसर का नाम सुनते ही लोग कांप जाते हैं, लेकिन इसके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी हासिल कर ही आप इससे बचाव कर सकते हैं।

 डॉ. गुप्ता ने बताया कि बताया कि आईजीएमसी शिमला में एक साल में करीब 750 रोगी उपचार के लिए आए हैं। अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश में कैंसर रोगियों के लिए अच्छी खबर है कि यहां ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर में अच्छी रिकवरी रेट है। महिलाओं में जागरूकता आने के कारण वह समय पर अपनी मैमोग्राफी करवा लेती है, जिससे उनके ठीक होने के 60 से 90 फीसदी संभावनाएं है। इसी प्रकार पुरूष प्रोस्टेट कैंसर में 60 से 100 फीसदी तक ठीक हो रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और आयुष्मान व हिमकेयर कार्ड की सहायता से लोग अपना  उपचार करवा रहे हैं। जिस व्यक्ति को कैंसर हुआ है, उसे साइकोलॉजिकल व फाइनेंशियल सहयोग की जरूरत होती है। महिलाओं में हाईजिन, वैक्सीनेशन और पुरूषों में तंबाकू व गुटका भी हिमाचल में अन्य राज्यों की तुलना में कम है। इससे लंग्स, मुंह, महिलाओं की ओवरी के कैंसर में कुछ हद तक कमी आई है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि जागरूकता से हम इस जानलेवा बीमारी पर समय रहते नियंत्रण पा सकते हैं। वल्र्ड कैंसर डे मनाया जाता है ताकि लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है।

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