होली गिले-शिकवे मिटाने का त्यौहार है, होली मिलने-मिलाने का त्यौहार है,
जो खुद का होली के रंगो में नही रंगता, उसका तो जीवन ही बेकार है।
मिश्रा जी ने अपनी पत्नी को प्यार से समझाते हुए कहा कि गली-मुहल्ले के सभी बच्चे होली खेल रहे है, तो अपने चिंन्टू को भी होली खेलने दो। उनकी पत्नी ने न आव देखा न ताव और चिल्लाते हुए बोली आप तो चुप ही रहो तो अच्छा है। तुम क्या जानों कि इसके होली खेलने से कितनी दिक्कत होती है? मिश्रा जी ने हैरान होते हुए पूछा चिंन्टू के होली खेलने से तुम्हें क्या परेशानी हो सकती है? आप कुछ नही जानते, पिछले साल जब यह होली खेल कर आया था तो मुझे कम से कम 10 बच्चो को नहला कर यह अपना चिंन्टू मिला था।
एक तरफ जहां होली का त्यौहार हम सभी के लिये ढेरो खुशीयॉ लेकर आता है, वहीं दूसरी और कुछ लोग अपनी गलतीयों के कारण इस पवित्र त्यौहार में रंग में भंग डाल देते है। होली का त्यौहार आज न सिर्फ हमारे देश में बल्कि विदेशो में भी बड़ी खुशी, प्रेम, प्यार व सदभवाना-पूर्वक तरीके से मनाया जाता है। यह त्यौहार हमेशा आपसी भाईचारा, मैत्री, सद्भावना और एकता बनाए रखने का संदेश देता आया है। लोग अक्सर पुराने गिले शिकवे भूल कर एक दूसरे को गले लगा लेते है।
होली का नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर एक मंद सी शरारत भरी मुस्कान आ जाती है। बंसत के मौसम में ढोल, नगाड़ो और रंगो के इस बहुत ही पुराने त्यौहार की धूम सारे देश में देखने लायक होती है। इस त्यौहार के साथ बहुत सी प्रथायें और कहानीयॉ भी जुड़ी हुई है। सबसे लोकप्रिय और प्रचलित कहानी होलिका दहन की मानी जाती है। भगत प्रल्हाद को उसकी बहन होलिका द्वारा आग से बचाने की खुशी में इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी माना जाता है।
भगवान कृष्ण और राधिका के अनेक किस्से-कहानियॉ भी इस त्यौहार से जुड़े हुए है। देश के कई हिस्सों में इस मौके पर मंदिरों को बहुत ही खूबसूरती से सजा कर भजन कीर्तिन का भव्य आयोजन भी किया जाता है। राधा के जन्म स्थान मथुरा के नजदीक बरसाना की होली तो सदा ही हम सब के लिये कुछ खास होती है। यहां होली अति श्रद्वा और उत्साह के साथ मनाई जाती है। नंद गांव के सभी लड़के बरसाना की लड़कीयों के साथ होली मनाने आते है। दिलचस्प बात तो यह है कि यहां पर इन सभी का स्वागत रंग और गुलाल के साथ बड़े-बड़े डंडों से भी किया जाता है। यह होली लठमार होली के नाम से भी खासी प्रसिद्व है। यह सारा महौल उस समय और भी रंगीन हो जाता है जब कोई मर्द डंडो की मार से डर कर अपनी हार मान लेता है, उस समय सभी लड़कियॉ फिर उसे औरतो के कपड़े पहना कर सभी लोगो के बीच में नाच करने की सजा देती है।
हर कोई गुलाल और पिचकारीयों से एक दूसरे के ऊपर अधिक से अधिक रंग डालने की फिराक में रहता है। युवा प्रेमी तो आपस में होली खेलने का महीनों पहले से ही बेसब्री से इंतजार करते है। टोलियॉ बना कर रंग के साथ-साथ वो अपना प्यार भी एक दूसरे पर लुटाते दिखाई देते है। हर किसी की जुबां पर बस एक ही बात होती है कि बुरा मत मानों होली है। इसके बाद सभी लोग हलवा, पूरी और गुजियॉ से एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हुए एक दूसरे के गले मिलते है। होली के मौके पर यदि आप से कोई हंसी ठिठोली करके आप पर हंसता हैं तो खिन्न न हों क्योंकि कम से कम आप उसे खुशी तो दे रहे है। बर्जुगो की एक बात सदैवा याद रखो कि जो मुस्कुराता है वह सुन्दर है और जो क्रोध करता है वह बदसूरत है।
इतना सब कुछ होते हुए भी अक्सर इस त्यौहार पर कुछ लोग बुरी तरह से आपास में नाराज हो जाते है। उसका कारण यह है कि कुछ लोग मस्ती के मूड में गलत किस्म के रंग एक दूसरे के चेहरे पर लगा देते है। यहां तक की कई बार एक दूसरे के ऊपर कीचड़ तक डाल दिया जाता है। जिससे होली खेलने वालों के चेहरे और आखों पर बुरा असर पड़ता है। कुछ रंगों की प्रतिक्रिया होने के कारण हमारी चमड़ी सदा के लिये बदसूरत हो जाती है। समाज के चंद शरारती तत्व ऐसे मौके पर खुल कर भांग और अन्य कई प्रकार के नशे करने से नही चूकते, जिससे इस पवित्र त्यौहार का सारा महौल खराब होने का भय बना रहता है। होली के मधुर-मिलन और प्यार के इस मौके पर जौली अंकल आप सभी के लिए भगवान से यह दुआ मांगते है कि:
रंगो के त्यौहार में, सभी रंगो की हो बहार, ढेरों खुशीयों से, भरा रहे आपका घर-संसार
यही दुआ है, जौली अंकल की उस मालिक से, बार-बार, बार-बार, लाखों बार।
1 Comment
Jolly ji aapka article sach mein sochne ko majbbor karta hai ki aaj kal holi ka roop kitna badal chuka hai !
anyways wishing u a happpy holi !