Author: जौली अंकल

होली गिले-शिकवे मिटाने का त्यौहार है, होली मिलने-मिलाने का त्यौहार है, जो खुद का होली के रंगो में नही रंगता, उसका तो जीवन ही बेकार है। मिश्रा जी ने अपनी पत्नी को प्यार से समझाते हुए कहा कि गली-मुहल्ले के सभी बच्चे होली खेल रहे है, तो अपने चिंन्टू को भी होली खेलने दो। उनकी पत्नी ने न आव देखा न ताव और चिल्लाते हुए बोली आप तो चुप ही रहो तो अच्छा है। तुम क्या जानों कि इसके होली खेलने से कितनी दिक्कत होती है? मिश्रा जी ने हैरान होते हुए पूछा चिंन्टू के होली खेलने से तुम्हें क्या…

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हर लडकी का बचपन से ही एक सुनहरा ख्वाब होता है, कि एक दिन परीलोक से सोने के रथ पर सवार एक सुन्दर सा राजकुमार उसे ब्याह कर ससुराल ले जाएगा | वहां उसका अपना एक सुन्दर सा घर होगा | परन्तु जीवन की हकीकत किताबों-कहानियों से बिल्कुल जुदा होती है | आज के समय में लडकियां कितनी भी पढी लिखी क्यूं हो, ससुराल में जाकर नए लोगों के बीच रहने की सोच से ही एक अजीब सी घबराहट और डर हर लडकी के दिल में कहीं न कहीं अनजानी सी परेशानी पैदा कर देता है | यह भी कडवी…

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दुनिया के सबसे बडे देशों में गिनती रखने वाले भारत देश की सरकार आज आजादी के 60 साल बाद भी कितना लाचार है, यह बात किसी भी देशवासी से छिपी हुई नही है | बात चाहे खाने में मिलावट करने वालों की हो या आटों-टैक्सी वालों की  | झोलाछाप डाक्टरों के विरुद्ध सरकार कई सालों से अनेक प्रकार के कानून बनाकर और बार-बार समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर इन लोगो पर नुकेल कसने की नाकाम कोशिश कर रही है | नतीजा ढाक के वोही तीन पात | यह लोग आम जनता को गुमराह करते हुए हर बीमारी का शर्तिया इलाज…

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आजकल शहर के हर चौराहे, गली कूचो की दीवारो, पर राजनीतिक पार्टीयों के संदेश तरह-तरह के रंगीन पोस्टर एवं झंडे आदि दिखाई देने लगे है | समाचार पत्रों और टी.वी. में सुबह-शाम मंत्रीयो के लच्छेदार भाषण सुनने को मिल रहे है | नेताओ ने एक दूसरे पर इल्जाम लगाने की झडी शुरु कर दी है | जिस तरह पुराने समय में युद्ध की तैयारी से पहले सभी सिपाही अपने-अपने हथियारो को मांज कर तैयार करते थे ठीक उसी प्रकार आज के नेता लोग नये-नये खादी के सफेद कुरतें-पायजमों के साथ अपनी जुबान को चीनी की मिठास में घोल कर वोटरो…

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