शिमला: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और सोलन जिला में बनाई गई तकरीबन 10 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं | बताया गया है कि फरवरी माह में बनी कोलेस्ट्रॉल और अल्सर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए बनाई गई 10 दवाओं के सैंपल फेल हो गए। उल्लेखनीयय है कि इससे पूर्व भी हिमाचल प्रदेश में पिछले एक वर्ष में 60 से भी अधिक दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं | समूचे देश और विदेश के लिए बड़े पैमाने पर दवाई बनाने वाले हिमाचल प्रदेश के उद्योग दवाइयां बनाने में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मानकों पर नाकामयाब नजर आ रहे हैं।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन द्वारा इस वर्ष फरवरी में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 1221 दवाओं के सैंपल लिए थे। इनमें से 30 दवाओं के सैंपल भी मानकों पर खरा उतरने में नाकामयाब रहे हैं |

फेल हुए सैंपलों में कोलेस्ट्रॉल, हार्ट अटैक, दर्द, उल्टी, संक्रमण, अल्सर जैसी बीमारियों के ईलाज की दवाएं शामिल हैं। सोलन जिला की थ्योन फार्मा की दर्द की दवा बोमेलेन ट्रिस्पिन रूटोसाईड, बद्दी के अंग लाइफ साइंस की उल्टी की दवा डोमपेरिडोन, स्कॉटाडिल एडवांस रिसर्च कंपनी की संक्रमण की दवा मेरोपेन, बरोटीवाला में पुष्कर फार्मा की हार्ट अटैक से समय में उपयोग किया जाने वाला इंजेक्शन पिनाईटोइन सोडियम, पांवटा साहिब की फोरस लैब की अल्सर की सुखरालफेट एंड ऑक्सीटासाइन दवा के दो सैंपल फेल हुए बताए जा रहे हैं |

बद्दी की ओजोन फार्मास्युटिकल कंपनी की कोलेस्ट्रॉल की दवा ओजोवास, सिरमौर की एडिसन फार्मा कंपनी की अल्सर की दवा एसोमेपराजोल, पांवटा साहिब के लैबोरेट फार्मास्युटिकल की संक्रमण की दवा एंब्राक्सोल डोक्सीसाइक्लिन और बद्दी के झाड़माजरी स्थित श्री राम हेल्थ केयर कंपनी की अल्सर की दवा पेंटाप्रोजोल रजिस्टेंट के सैंपल फेल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की दस दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, इसमें छह दवाएं सोलन और चार दवाएं सिरमौर जिला में बनाई जा रही थी |

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