सोलन: जिला सोलन का द लॉरेंस स्कूल सनावर 177वां स्थापना दिवस मना रहा है। तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह का स्कूल परिसर में पूरे धूमधाम से आगाज़ हुआ। 1851 में निर्मित इसके प्रतिष्ठित चैपल में हुई ‘थैंक्स गिविंग’ विशेष सभा में, हेडमास्टर, हिम्मत सिंह ढिल्लों ने विशेष प्रार्थना पढ़ी और दो प्रकाशनों को प्रकाशित करने में सहायक तीन स्टाफ सदस्यों के सराहनीय प्रयासों को भी सम्मानित किया, जिसका शीर्षक था, ” सनावर हैंडबुक” और “सनावर के परिचित पक्षी”। उन्होंने चरित्र की सत्यनिष्ठा के महत्व के बारे में भी बात की और शिक्षार्थियों के समुदाय को अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह स्थापना दिवस समारोह अंतत: 4 अक्टूबर को एक विशाल कार्यक्रम के साथ समाप्त होगा जिसे ‘फाउण्डर्स डे ‘ के नाम से जाना जाता है।

1847 में अपनी स्थापना के बाद से ही लॉरेंस स्कूल, सनावर समाज सेवा के साथ-साथ राष्ट्र -सेवा की शिक्षा प्रदान करता रहा है । गत रविवार को “सुरक्षा, संरक्षण और प्रगति …” की भावना से प्रेरित “, समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में, स्कूल के 500 से अधिक छात्रों ने एक सौ चालीस एकड़ में फैले विद्यालय परिसर की सफाई और प्रकृति के पोषण के लिए श्रमदान किया । साथ ही इस बात का संज्ञान लेते हुए कि भावी दुनिया में ज्ञान-आधारित समाज ही सबल और सुखी समाज होगा , स्कूल ने “रीड टू लीड” अभियान भी शुरू किया है। इस अवसर पर दस चुनिंदे छात्रों को उत्कृष्ट पाठक होने के लिए ‘द सनावर रीडिंग अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया। केशव गोयल तथा अयाना सोइन को ‘स्वर्ण पाठक’ होने का गौरव हासिल हुआ।

सोमवार, 15 अप्रैल को स्थापना दिवस मनाने के लिए छात्रों के नेतृत्व वाली एक विशेष सभा का आयोजन किया गया , जिसमें छात्रों ने सनावर की 177 साल लंबी गौरवशाली यात्रा पर एक प्रस्तुति दी। स्कूल के गौरवशाली इतिहास पर एक अत्यंत रोचक तथा मनोरंजक क्विज भी आयोजित किया गया जिसमे सम्पूर्ण सनावर स्कूल समुदाय ने बढ़ -चढ़ कर भाग लिया। इसके अलावा इस ख़ास दिन को मनाने के लिए एक विशेष रात्रिभोज की भी व्यवस्था की गई।

अपनी स्थापना दिवस के साथ साथ 15 अप्रैल को स्कूल ने हिमाचल दिवस भी मनाया। प्रशासनिक अवकाश होने के बावजूद, ग्रेड 7 से 10 के लिए कंप्यूटर एप्टीट्यूड टेस्ट सहित कई गतिविधियां संपन्न हुईं। सनावर में एक पेंटिंग प्रदर्शनी तथा मल्टीमीडिया प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी। इस अवसर पर उत्साह का माहौल और भी दो गुना हो गया जब स्कूल कक्षा 7 से 10 के छात्रों ने रोबोटिक्स और इनोवेशन की प्रतियोगिता में भाग लिया और खेल के मोर्चे पर तैराकी, द हॉडसन रन और इंटर-हाउस क्रिकेट मैच खेले गए।

1847 में स्थापित यह स्कूल दुनिया का पहला को-एजूकेशन बोर्डिंग स्कूल माना जाता है।

1853 में, स्कूल को किंग्स कलर से सम्मानित किया गया, जो ब्रिटिश साम्राज्य में इतना सम्मानित होने वाले केवल सात स्कूलों में से एक था। सनावर पहाड़ी के नाम से मशहूर यह स्कूल पुरुषों और महिलाओं को चरित्रवान बनाने के लिए जाना जाता है। लॉरेंस स्कूल, सनावर से पढक़र कई लोगों ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। सनावर में अध्ययन करने वाले वीरता पुरस्कार विजेताओं में परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल शामिल हैं। स्कूल के पूर्व छात्र आज रक्षा के तीनों विभागों और पुलिस बल में प्रतिष्ठित पदों पर आसीन हैं। कॉर्पोरेट जगत के साथ-साथ सिविल और विदेश सेवाओं में भी बड़ी संख्या में पूर्व छात्र अत्यधिक महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।

उल्लेखनीय पूर्व छात्रों में नवीन चावला, मेनका गांधी, परीक्षत साहनी, संजय दत्त, जेसी भट्टल, पूर्व राजदूत तरनजीत एस. संधू, न्यायमूर्ति राजीव भल्ला, किरण नादर, पुनीत रेनजेन, उमर अब्दुल्ला, सुखवीर बादल और शिवा केशवन समेत अन्य शामिल हैं।

ये कहा प्रधानाध्यापक ने

लांरेस स्कूल सनावर के प्रधानाध्यापक हिम्मत सिंह ढिल्लों के कुशल मार्गदर्शन में, स्कूल शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में खड़ा है। एजुकेशनल वल्र्ड इंडिया स्कूल रैंकिंग 2022-23 द्वारा स्कूल को विंटेज लिगेसी को-एड बोर्डिंग स्कूल श्रेणी में नंबर 1 स्थान दिया गया है। स्कूल को 2023-24 में एजुकेशनल वल्र्ड इंडिया द्वारा अपनी श्रेणी में स्कूल ऑफ द ईयर के खिताब से सम्मानित किया गया है।

सोलन: भारत को 15 अगस्त 1947 के दिन स्वतंत्रता मिली। स्वतंत्रता के उपरांत देश के सामने भारत की 562 रियासतों को भारत संघ

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