सोलन: केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली अपना 119वां स्थापना दिवस 9 मई 2023 को सभागार हॉल, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, सीआरआई, कसौली में मनाने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री 10 मई को सीएचसी धर्मपुर और 108 ईएमआरटी केंद्र धर्मपुर का दौरा करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री हिमाचल प्रदेश डॉ. धनीराम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के अन्य गणमान्य सांसद सुरेश कुमार कश्यप और कसौली से विधान सभा सदस्य विनोद सुल्तानपुरी शामिल होंगे। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की ओर से डॉ. (प्रो.) अतुल गोयल, डीजीएचएस और डॉ. अनिल कुमार, अतिरिक्त डीडीजी, उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश का राज्य जनसंपर्क कार्यालय भी प्रस्तुतियों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करेगा।

118 में ऐसे की सीआरआई ने मानवता की सेवा

1905 में अपनी स्थापना के बाद से, संस्थान पिछले 118 वर्षों से जीवन रक्षक इम्यूनोबायोलॉजी के क्षेत्र में राष्ट्र के लिए कई महत्वपूर्ण योगदानों के साथ अथक रूप से काम कर रहा है। संस्थान को सूक्ष्म जीव विज्ञान, जीवन रक्षक प्रतिरक्षा जीव विज्ञान, निगरानी गतिविधियों, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के उत्पादन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।

संस्थान ने पहला वाणिज्यिक तंत्रिका ऊतक रेबीज टीका विकसित किया; केंद्रीय मलेरिया ब्यूरो की स्थापना की; इंडियन रिसर्च फंड एसोसिएशन की स्थापना की; आईसीएमआर पुस्तकालय की स्थापना; द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रिकॉर्ड टीका उत्पादन; यह भारत में जापानी एन्सेफलाइटिस वैक्सीन और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में पीले बुखार के टीके का निर्माण करने वाला एकमात्र संस्थान था। संस्थान डीपीटी वैक्सीन के निर्माण के लिए सीजीएमपी अनुपालन सुविधा वाला पहला केंद्र सरकार का संस्थान बन गया है और हाल ही में टीडी वैक्सीन के उत्पादन के लिए एक वाणिज्यिक लाइसेंस प्राप्त किया है। संगठन सर्पदंश, डिप्थीरिया और रेबीज के लिए चिकित्सीय एंटीसेरा भी विकसित कर रहा है।

कोविड में भी निभाई अपनी अहम भूमिका

संस्थान ने महामारी के दौरान अथक परिश्रम कर कसौली एवं आसपास के क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को कोविड-19 का टीका उपलब्ध कराने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्रित किये गये कोविड-19 के नमूनों की जांच कर पूरे सोलन जिले को कवर किया है. यह संस्था पीत ज्वर टीकाकरण केंद्र के रूप में भी कार्य करती है!

माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी और माइक्रोबायोलॉजी में शिक्षण और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता का केंद्र होने के नाते, यह संस्थान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध एमएससी (माइक्रोबायोलॉजी) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन माइक्रोबायोलॉजी इन वैक्सीनोलॉजी एंड इम्यूनोबायोलॉजी कोर्स में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम / परियोजना कार्य शामिल करता है। इसके अलावा संस्थान दसवीं पास उम्मीदवारों के लिए इम्यूनोबायोलॉजिकल और एनिमल केयर प्रोडक्शन में स्किल डेवलपमेंट सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित करता है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version