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सोलन में की गजल के स्वरूप पर चर्चा

सोलन: भंडारी अदबी ट्र्स्ट पंचकुला के तत्वावधान में बज्म-ए-मुशायरा का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस मुशायरा में भाग लेने के लिए पंजाब, हरियाणा,चंडीगढ़ व हिमाचल के नामी शायर भाग ले रहे हैं।  कार्यक्रम के आयोजक अशोक नादिर ने बताया कि यह मुशायरा शनिवार से शुरू हो गया और इसका समापन 23 सितंबर को दोपहर बाद होगा। इसमें बज्म-ए- मुशायरा के अलावा गजल के रूप स्वरूप पर भी विस्तार से चर्चा की जा रही है।

solan gazal

कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब के जानेमाने शायर श्रीराम अर्थ कर रहे हैं। ट्राईसिटी चंडीगढ़ के मशहूर शायर व कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीराम अर्श ने  कहा कि गजल बहुच लिख रहे हैं। यदि लेखकों को बुनियादी चीजों का पता हो तो उनकी लेखनी में और अधिक सुधार होगा। साथ ही वह परिपक्व शायर के रूप में सामने आएंगे। उन्होंने गजलकार अशोक नादिर का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले चार-पांच सालों में उन्होंने गजल की बारीकियां सीखकर ,जो गजलें लिखी वह काबिलेतारिफ है। उन्होंने गजल कहां से आई और कैसे-कैसे विकसित हुई इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

ये शायर ले रहे हैं भाग..

 पंचकूला से अशोक नादिर, ऊना से जाहिद अबरोल, पटियाला से परविंदर शौक, डॉ.जतिंद्र परवाज, मनमोहन सिंह दानिश, जीरकपुर से सतीश अंजुम, ऊना से रीटा अबरोल, पटियाला से सुखविंद्र आही, शिमला से सुमित राज, सोलन के अर्की से कुलदीप गर्ग तरूण, शिमला से नरेश दयोग, पटियाला से अमरप्रीत कौर,चंडीगढ़ से चमन शर्मा चमन और सुशील हरत नरेलवी समेत अन्य भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ.जतिंद्र परवाज ने किया।