नाहन : राजकीय महाविद्यालय हरिपुरधार की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के तत्वावधान में “संवेदनशील युवा वर्गों में नशा निवारण” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हाइब्रिड मोड (ऑफलाइन व ऑनलाइन) में किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं में नशे की प्रवृत्ति और इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना तथा उन्हें एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य एवं मुख्य संरक्षक डॉ. ललित कुमार गुलेरिया द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है जो युवाओं को उनके लक्ष्य से भटका रही है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवाओं को सही दिशा दी जा सकती है।

कार्यशाला में अतिथि वक्ता के रूप में जगत शर्मा, राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी ने “मूल्यों एवं नैतिकता के माध्यम से नशा मुक्त समाज का निर्माण” विषय पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आत्म-मूल्य, अनुशासन और सेवा की भावना के साथ जीवन में आगे बढ़ें।
चमन सोनी, खंड स्वास्थ्य शिक्षक, संगड़ाह ने “नशा सेवन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं” पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार नशे का सेवन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है तथा इसके दीर्घकालिक दुष्परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं।
विनय छींटा, अभेद कबड्डी अकादमी के संस्थापक ने “नशा उन्मूलन में खेलों की भूमिका” पर व्याख्यान दिया। उन्होंने युवाओं को बताया कि खेल न केवल शरीर को फिट रखते हैं, बल्कि अनुशासन और आत्म-विश्वास भी बढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी अकादमी में खेलों की ओर अग्रसर कई युवा आज नशे से मुक्त होकर प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।
इस कार्यशाला में राजकीय महाविद्यालय हरिपुरधार द्वारा गोद लिए गए विभिन्न विद्यालयों जैसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोरग, हरिपुरधार, दिउड़ी-खराहन, राजकीय माध्यमिक पाठशाला बियाँग तथा राजकीय प्राथमिक केन्द्र पाठशाला हरिपुरधार से स्टाफ व विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य राजकीय महाविद्यालयों की भी सहभागिता रही।
कार्यशाला के संयोजक कर्म दत्त ने जानकारी दी कि इस आयोजन में क्षेत्र की प्रमुख सामाजिक संस्थाओं जैसे मां भंगायणी मंदिर समिति, मां भंगायणी सोशल वर्क कम्युनिटी, सिरमौर जन जागृति मंच (सजग) तथा अन्य स्थानीय निकायों ने भी भागीदारी सुनिश्चित की। यह आयोजन समाज के हर वर्ग को नशा उन्मूलन के लिए एकजुट करने का सफल प्रयास रहा।
कार्यक्रम में मेला राम शर्मा, पूर्व बीडीसी चेयरमैन एवं पूर्व निदेशक, जन संपर्क विभाग, हिमाचल प्रदेश, मदन राणा, प्रधान पंचायत हरिपुरधार, सुरेंद्र चौहान, पूर्व पी.टी.ए. अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए नशे से दूर रहने और समाज हित में कार्य करने का संदेश दिया।
कार्यशाला के अंतर्गत एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया, जिसका विषय था – “युवाओं में नशा सेवन की पहचान हेतु शारीरिक एवं मानसिक संकेतों को समझना।” इस सत्र ने न केवल विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों व अभिभावकों को भी यह समझने में मदद की कि कैसे वे नशे की ओर बढ़ते युवाओं को समय रहते पहचान कर मार्गदर्शन कर सकते हैं।
महाविद्यालय की ओर से इस कार्यशाला को सफल बनाने में सहायक आचार्य पूनम कुमारी, सहायक आचार्य रोहित शर्मा, सहायक आचार्य वर्षा रानी, सहायक आचार्य डॉ. सरिता ठाकुर, कार्यालय अधीक्षक तपेंद्र सिंह, एवं वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश लंबा सहित समस्त स्टाफ सदस्यों ने सराहनीय योगदान दिया।
कार्यशाला का समापन करते हुए संयोजक कर्म दत्त ने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों, सामाजिक संस्थाओं एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नशा निवारण हेतु यह कार्यशाला एक छोटी शुरुआत है, जो भविष्य में एक व्यापक सामाजिक अभियान का रूप ले सकती है।