शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर, 2024 तक बंद करने का आदेश दिया है।
निगम द्वारा H.P.T.D.C. के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय लाभ नहीं दिए जाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने यह निर्देश जारी किए। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने HPTDC के प्रबंध निदेशक को 25 नवंबर तक इन होटलों को बंद करने के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
आदेश के अनुसार, निगम को द पैलेस होटल, चायल; होटल गीतांजलि, डलहौजी; होटल बाघल, दाड़लाघाट; होटल धौलाधार, धर्मशाला; होटल कुणाल, धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस, धर्मशाला; होटल एप्पल ब्लॉसम, फागू; होटल चंद्रभागा, कीलोंग; होटल देवदार, खजियार; होटल गिरीगंगा, खडापत्थर; होटल मेघदूत, कियारीघाट; होटल सरवरी, कुल्लू; होटल लॉग हट्स, मनाली; होटल हडिम्बा कॉटेज, मनाली; होटल कुंजुम, मनाली; होटल भागसू, मैक्लोडगंज; होटल द कैसल, नग्गर; और होटल शिवालिक, परवाणू को बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
न्यायालय ने आदेश जनवरी 2022 से दिसंबर 2023 और अक्टूबर, 2024 तक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा वर्तमान में चलाए जा रहे 56 होटलों के उपयोग की स्थिति को देखने के बाद पारित किया।
न्यायालय ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों से लाभ कमाने में सक्षम नहीं है। इन संपत्तियों के कामकाज को जारी रखना, राज्य के खजाने पर एक बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और अदालत इस तथ्य को देखते हुए इन होटलों को बंद करने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक इस आदेश को लागू करने/अनुपालना के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। न्यायालय ने होटलों के रखरखाव के लिए आवश्यक कर्मचारियों को परिसर में रखने की अनुमति भी दी है। आदेश में कहा गया है कि निगम अपने शेष कर्मचारियों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए स्वतंत्र होगा।