नाहन शहर की पतंगबाजी सदियों पुरानी परंपरा, संरक्षण आवश्यक बोले कंवर अजय बहादुर

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By पंकज जयसवाल

नाहन शहर में पतंगबाजी की परंपरा सदियों से चली आ रही है। एक समय तक रक्षाबंधन के पर्व से कई दिनों पहले ही पतंगबाजी की तैयारी नाहन शहर में शुरू हो जाती थी और बाजार में कई दुकानों पर केवल पतंग ही नजर आती थी। समय के बदलाव के साथ युवाओं का रुझान मोबाईल की और अधिक हो गया और पतंगबाजी कम हो गई, अब केवल गिनी चुनी दुकानों पर पतंग मिलती है।

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पतंगबाजी की परंपरा को लेकर नाहन के राज परिवार से संबध रखने वाले पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर कहते हैं कि यह परंपरा न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है। उन्होंने बताया कि नाहन शहर में पतंगबाजी का अपना ऐतिहासिक महत्व है और इसे कई पीढ़ियों से लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं।

कंवर अजय बहादुर ने यह भी कहा कि पतंगबाजी के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं, और इसमें प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ आपसी भाईचारे की भावना भी दिखाई देती है। उन्होंने इस परंपरा को जीवित रखने और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके अनुसार, इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधियाँ समाज को एकजुट रखने में मदद करती हैं और युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ती हैं।

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उन्होंने कहा कि नाहन में यह परम्परा सदियों पुरानी परम्परा है। सभी समुदायों और सभी धर्म के लोग इसे मिलजुल कर मनाते है। उन्होंने कहा कि इस सांस्कृतिक धरोहर को अब संरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि वे इस परंपरा को संजोए रखने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस परंपरा के बारे में जान सकें और इसका आनंद ले सकें।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।