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कृषि विज्ञान सोलन ने जीता हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ KVK का पुरस्कार

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कंडाघाट स्तिथ कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) सोलन को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा हिमाचल प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ केवीके के पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-अटारी), जोन-1, लुधियाना द्वारा आयोजित वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला 2024 के दौरान प्रदान किया गया। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 13 केवीके हैं।

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पिछले सप्ताह आयोजित कार्यशाला में जोन-I में आने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार मुख्य अतिथि रहे। डॉ कुमार ने KVK सोलन को हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र का पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. इंद्र देव और केवीके सोलन के प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. अमित विक्रम ने प्राप्त किया। आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. उधम सिंह गौतम और अटारी जोन I के निदेशक डॉ. परवेन्दर श्योराण भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

KVK Solan

शिमला मिर्च, मटर आधारित और प्लम आधारित प्राकृतिक मॉडल विकसित करने के साथ-साथ केवीके के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की परियोजना में केवीके सोलन द्वारा किए गए कार्यों को इस पुरस्कार के पहचाना गया। इसके अलावा आर्या प्रोजेक्ट के तहत किए कार्यों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी सराहना की गई है। भविष्य को देखते हुए, केवीके सोलन का लक्ष्य टिकाऊ कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम फसल प्रौद्योगिकियों का प्रसार जारी रखते हुए किसान चुनौतियों की सक्रिय रूप से पहचान और उनका समाधान करना है।

इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने केवीके सोलन के सभी स्टाफ को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सम्मान कृषक समुदाय के कल्याण को बढ़ाने के लिए केवीके की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रोफेसर चंदेल ने आशा व्यक्त की आने वाले समय में अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी के प्रसार में केवीके और अधिक प्रयास करेगा। डॉ. इंद्र देव और डॉ. परवेंदर श्योराण ने इस उपलब्धि के लिए केवीके स्टाफ को बधाई दी।