शिमला: हिमाचल प्रदेश में जहरीली शराब के मामले के बाद से आबकारी विभाग निरंतर अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ एक मुहिम में लगा है | विभाग ने एक बार फिर बड़ी कार्यवाही करते हुए सिरमौर ज़िला के नारीवाला, पांवटा साहिब स्थित शराब फ़ैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कर दिया है और फ़ैक्ट्री को सील करने के भी आदेश दे दिए हैं।
आयुक्त, राज्य कर एवं आबकारी यूनुस ने बताया कि विभाग अवैध शराब के कारोबारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। विभाग ने इस की निरंतरता में सिरमौर ज़िले में बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि कुछ समय से विभाग द्वारा सिरमौर ज़िले के नारीवाला, पांवटा साहिब स्थित शराब की एक फ़ैक्ट्री द्वारा की गई अनियमितताओं की जाँच की जा रही थी। इस उच्च स्तरीय जाँच में शराब बनाने, इसके रख-रख़ाव और ढुलाई से जुड़ी अनियमितताएं और ख़ामियां पाई गई। यह भी पाया गया की उक्त बिवरेज़िज कम्पनी ने शराब की लगभग 900 पेटियों की बिना किसी वैध पास अथवा परमिट के ढुलाई की। इसके अतिरिक्त यह भी पाया गया कि उक्त कम्पनी द्वारा लाइसेंस के नियम एवं शर्तों की बार-बार उल्लंघना की गई है और इससे पहले भी उस पर भारी जुर्माना/दंडात्मक कार्रवाई हुई है।
इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए विभाग ने इस शराब की फ़ैक्ट्री का लाइसेंस रद्द करते हुए फ़ैक्ट्री को सील करने के आदेश दे दिए हैं। यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, डिस्टिलरीज रूल्ज़ और एचपी बांडिड वेयर हाउस रूल्ज़ के तहत की गई है।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व आबकारी विभाग की नूरपुर टीम द्वारा भी पंजाब के साथ लगते सीमान्त क्षेत्र छन्नी वैली में अवैध शराब बनाने वालों पर संयुक्त कार्यवाही की गई थी। विभाग को इस क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। सीमांत क्षेत्र होने के बावजूद विभाग ने इस क्षेत्र में कार्यवाही की और कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद लगभग 85000 लीटर कच्ची शराब नष्ट कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि विभाग अवैध शराब बनाने वालों पर कड़ी कार्यवाही कर रहा है और भविष्य में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।