मंडी, 10 जनवरी। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के प्रथम चरण में मंडी जिले में 521 आवेदनों का अनुमोदन किया गया है। जिला स्तरीय कमेटी ने अनुमोदन के उपरांत इन्हें स्वीकृति के लिए राज्य स्तरीय समिति को भेजा है। यह जानकारी उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय कमेटी की प्रथम बैठक के बाद दी। उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों में से 521 मामलों में ग्राम स्तरीय समितियों के माध्यम से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हुई है। बैठक में इन पर चर्चा के बाद अनुमोदन के साथ अब उन्हें राज्य स्तरीय समिति को भेजा गया है।
उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अन्तर्गत जिले के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को संरक्षित करने में मदद करने करने के उद्देश्य से प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके योजना से जुड़कर कारीगर अपने व्यवसाय का विस्तार, उपकरणों में निवेश और अपनी कारीगरी को बढ़ा सकेंगे।
योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। इनमें पत्थर तोड़ने और तराशने का काम, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, धोबी, दर्जी, नाई आदि व्यवसाय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना में कारीगरों को आईडी कार्ड के जरिए पहचान दिलाई जाएगी। साथ ही उन्हें 5 प्रतिशत के रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख (पहली किस्त) और 2 लाख (दूसरी किस्त) तक के ऋण की सहायता दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है।जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ओपी जरयाल ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर्ता को पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आवेदन करना होगा। लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सर्टीफिकेट तथा पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा रियायती दर पर ऋण के साथ, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन व डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन तथा मार्केटिंग में सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
बैठक में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ओपी जरयाल के अलावा योजना के क्षेत्र विशेषज्ञ करसोग के पूर्व विधायक हीरा लाल, कपूर चंद और महेंद्र सैणी, लीड बैंक मैनेजर पीएनबी एसके धीमान, जिला उद्योग केन्द्र मंडी के प्रबंधक संतोष जम्वाल उपस्थित रहे।