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सिरमौर के महालाना गाँव का सौरव शर्मा बनेगा सेना में लेफ्टिनेंट   

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नाहन: कहते हैं कि संघर्ष और प्रयत्न कभी बेकार नहीं होते और कड़ी मेहनत से बदलती है किस्मत की रेखाएँ, रातों-रात कोई चमत्कार नहीं होते | जिला सिरमौर की दराबली पंचायत के छोटे से गाँव महालाना के सौरव शर्मा ने UPSC की Combined Defence Service (CDS) की परीक्षा में All India में 110वां रैंक हासिल कर सेना में लेफ्टिनेंट बनने का सपना पूरा कर लिया है।

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अब सौरव इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून से लगभग एक वर्ष की कठिन ट्रेनिंग से गुजरेंगे। आपको बताते चलें की सौरव बचपन से ही सेना में अफसर बनाने का सपना देखा करता था, जो कि आज उनकी मेहनत, लगन व लक्ष्य को प्राप्त करने के जज्बे से पूरा हो गया है। सौरव का जन्म  एक साधारण परिवार में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने अपने चाचा – चाची सुरजीत कुमार शर्मा व श्रीमती अर्चना शर्मा के पास रहकर राजगढ़ के SVN पब्लिक स्कूल  से की, पांचवी कक्षा JVM पब्लिक स्कूल नारग से की। कक्षा छठी में उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय नाहन के लिय हो गया।

सौरव पढ़ने में बहुत अच्छे थे, उन्होंने 12वीं कक्षा नॉन- मेडिकल संकाय में प्रथम स्थान पर रहकर पूरी की। उसके बाद उनका चयन यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, शिमला में हुआ, यहां से इन्होंने अपनी बी. टेक. की पढ़ाई पूरी की। साथ साथ कंपीटिटिव परीक्षाओं की तैयारियों में भी जुट गए। बता दें कि इससे पहले तीन बार उनका चयन NDA में भी हो चुका था, लेकिन इंटरव्यू में सफल नह हो पाए थे। फिर भी सौरव ने हिम्मत नही हारी, ओर उससे भी बड़ा मुकाम हासिल कर अपने गावँ, क्षेत्र व जिला का नाम रोशन किया है।

सौरव की दादीजी श्रीमती लाजवंती पोते की इस कामयाबी से बहुत खुश है। शिक्षकों की पृष्टभूमि के इस परिवार का यह होनहार बेटा अब देश की सेवा करेगा। । बता दें कि सौरव के दादाजी स्वर्गीय कलीराम जी प्राथमिक शिक्षक थे जो केन्द्रीय मुख्य शिक्षक के पद से रिटायर हुए थे। सौरव के पिता विजय कुमार शर्मा वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय वासनी में बतौर इतिहास के प्रवक्ता हैं तथा माता श्रीमती सुषमा शर्मा एक कुशल गृहणी है। इनकी बहन वर्षा वर्तमान में रा. व. मा. पा. मोगीनन्द में वोकेशनल अध्यापक के पद पर कार्यरत है।

सौरव के चाचा सुरजीत कुमार शर्मा वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोटला- बांगी में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है। सौरव के पिता ने बताया कि उनके भाई सुरजीत शर्मा तथा उनली पत्नी श्रीमती अर्चना शर्मा की सौरव की पढ़ाई में अहम भूमिका रही है, साथ ही उन्होंने सौरव की सफलता का श्रेय उनके जीजा रिटायर कला अध्यापक जग्गनाथ शर्मा  तथा बहन श्रीमती कान्ता शर्मा को भी दिया है, उन्होंने बताया कि  सौरव ने प्रारंभिक शिक्षा का अधिकांश भाग उनके पास रहकर तथा उनके मार्गदर्शन में पूर्ण किया है। उस समय पर उनका सौरव की पढ़ाई में किया गया यागदान वह कभी नही भुला सकते। 

सौरव के पिता विजय शर्मा ने परिवार में न जाने कितने बच्चों की पढ़ाई अपने खर्चे पर करवाई है,ओर भी न जाने कितने लोगों की आर्थिक सहायता की है। सौरव की इस उपलब्धि से जहां परिवार में खुशियों का माहौल है, वंही समस्त क्षेत्र में तैयारियों में लगे बच्चों के लिए एक प्रेरणा का स्वरूप बना है। सौरव, आपको उज्ज्वल भविष्य की अनंन्त शुभकामनाएं।