नंगे पैर सातवीं बार श्रीखंड महादेव पहुँची श्रद्धा की प्रतीक शिवानी, आपदा में खोया था घर

कुल्लू : श्रद्धा जब अडिग हो, तो कोई भी कठिनाई रास्ता नहीं रोक सकती। बागीपुल आनी की रहने वाली शिवानी, जिन्हें क्षेत्र में लोग “महादेव की दीवानी” कहकर जानते हैं, ने सातवीं बार नंगे पैर श्रीखंड महादेव यात्रा पूरी कर आस्था, साहस और संकल्प का एक अनुपम उदाहरण पेश किया है।

शिवानी हर वर्ष बिना चप्पल-जूते के 32 किलोमीटर लंबी इस खतरनाक यात्रा को नंगे पैर तय करती हैं। लेकिन इस बार की यात्रा और भी भावनात्मक और प्रेरणादायक रही, क्योंकि पिछले वर्ष 31 जुलाई को श्रीखंड यात्रा मार्ग के भीम डवारी क्षेत्र में बादल फटने से आई बाढ़ में बागीपुल बाजार का एक बड़ा हिस्सा बह गया था। इस प्राकृतिक आपदा में शिवानी का घर भी पूरी तरह तबाह हो गया था, जिससे वह और उनका परिवार बेघर हो गया।

श्रीखंड महादेव

शिवानी बताती हैं, “पिछले साल की आपदा बहुत भयानक थी। हमारा सब कुछ चला गया, घर नहीं बचा। लेकिन महादेव ने हमें हिम्मत दी। इस बार भी मैंने नंगे पैर यात्रा करने का संकल्प लिया और निभाया।”

उन्होंने बताया कि वे 9 जुलाई 2025 को अपने साथियों के साथ श्रीखंड यात्रा पर निकलीं और हर साल की तरह इस बार भी जूते-चप्पल नहीं पहने। उनका कहना है कि जब तक शरीर में ताकत है, वे हर साल नंगे पैर यात्रा करती रहेंगी।

इस वर्ष की यात्रा में मौसम ने विशेष रूप से चुनौती दी। ऊँचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश, बर्फीले रास्ते, पथरीली चढ़ाइयाँ और कड़ाके की ठंड के बीच शिवानी ने यह यात्रा पूरी की।

“इस बार बारिश ज्यादा थी। कई जगह फिसलन थी, ठंड भी बहुत ज्यादा थी, लेकिन हर बार की तरह महादेव ने रास्ता दिखाया,” उन्होंने कहा।

शिवानी ने इस बार जिला प्रशासन और यात्रा प्रबंधन की विशेष सराहना की। उन्होंने बताया कि इस बार मार्ग में कई खतरनाक स्थानों पर ट्रैकिंग रस्सियाँ लगाई गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को संतुलन बनाने और फिसलने से बचने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, “प्रशासन ने इस बार बेहतर प्रबंध किए हैं। खासकर बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए यह बहुत राहत की बात है। मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित और सुव्यवस्थित है। श्रद्धालु बिना घबराए दर्शन के लिए आ सकते हैं।”

शिवानी की यह सातवीं यात्रा साबित करती है कि सच्ची भक्ति सिर्फ मंदिरों तक सीमित नहीं होती, वह जीवन की हर परीक्षा में हौसले और विश्वास की शक्ति बनकर उभरती है। एक ओर जीवन की विपत्ति, घर उजड़ने की पीड़ा, दूसरी ओर नंगे पैर बर्फ, पत्थरों और बारिश के बीच 32 किलोमीटर लंबा सफर। लेकिन शिवानी की आस्था ने हर मुश्किल को पीछे छोड़ दिया।

Photo of author

पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।