नाहन : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पटवारी और कानूनगो पदों को जिला कैडर से हटाकर स्टेट कैडर में शामिल करने के फैसले का विरोध तेज हो गया है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ पटवारी-कानूनगो संघ की हड़ताल को अब विभिन्न सामाजिक संगठनों का समर्थन भी मिलने लगा है। सीटू जिला सिरमौर कमेटी के महासचिव आशीष कुमार और जनवादी महिला समिति की राज्याध्यक्ष संतोष कपूर ने संयुक्त बयान जारी कर आंदोलनरत पटवारियों की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से तुरंत इस पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
सीटू के महासचिव आशीष कुमार ने कहा कि सरकार को पटवारियों की भूमिका और उनके कार्य की जटिलता को समझना चाहिए। जिला स्तर पर उनकी वरिष्ठता और प्रशिक्षण को राज्य स्तर पर लागू करने में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “राजस्व कार्य सीधे जनता और सरकार के बीच की कड़ी है। पटवारी और कानूनगो को जिला कैडर से हटाकर स्टेट कैडर में डालना पूरी तरह अनुचित निर्णय है।”

उन्होंने आगे कहा कि पटवारी ही सरकार की योजनाओं को लागू करने की आधारशिला रखते हैं। जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज, प्रशासनिक कार्यों में उनकी भागीदारी और जनता का उन पर विश्वास, इस पद को बेहद संवेदनशील बनाता है। स्थानीय भू-राजस्व ज्ञान, परंपरागत प्रशासनिक अनुभव और ग्रामीण परिवेश की समझ भी इस कार्य के लिए जरूरी मानकों में शामिल हैं।
जनवादी महिला समिति की राज्याध्यक्ष संतोष कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार जानबूझकर इस मुद्दे को उलझा रही है, जिससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचेगा बल्कि आम जनता को भी परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि पटवारियों पर अन्य विभागों के कार्यभार को कम करना जरूरी है, ताकि वे अपने मूल कार्यों को कुशलता से पूरा कर सकें।
आशीष कुमार ने बताया कि वर्तमान में पटवारियों का कार्य केवल जमाबंदी तक सीमित नहीं है। अब अधिकांश ऑनलाइन कार्य जैसे जाति प्रमाण पत्र, हिमाचली प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, किसान निधि योजना इत्यादि सभी पटवार वृत्त के माध्यम से किए जाते हैं। लेकिन न उनके पास इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ है और न ही पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।
आशीष कुमार ने कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सरकार को नए कर्मचारियों की भर्ती करने के बजाय पहले से कार्यरत पटवारियों की मांगों को पूरा कर गतिरोध समाप्त करना चाहिए।
सीटू जिला सिरमौर कमेटी ने सरकार से मांग की है कि वह पटवारियों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दे और उनकी माँगों को स्वीकार कर उनके कार्य को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। ताकि आम जनता को राजस्व संबंधी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।