सोलन: सोलन जिला के कंडाघाट उपमंडल के ममलीग गांव निवासी जेबीटी शिक्षक प्रदीप कुमार का चयन राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है। प्रदीप आजकल कंडाघाट उपमंडल की प्राथमिक पाठशाला शलाह में सेवाएं दे रहे हैं। इससे पहले वह प्राथमिक पाठशाला ललियाणा और बशोल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। प्रदीप इन तीनों सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम शुरू कर चुके हैं।
प्रदीप कुमार का प्रयास है कि सरकारी स्कूल ब्रांड बने। उनके दोनों बच्चे इन्हीं की पाठशाला में पढ़ रहे हैं। राजकीय प्राथमिक पाठशाला शलाह में जैसे ही अध्यापक प्रदीप कुमार ने कार्यभार संभाला है। उन्होंने स्रूष्ट की सहायता से प्री प्राइमरी कक्षा शुरू की जिसमें सबसे पहले एडमिशन अपनी पुत्री की कार्रवाई जिसे देखकर समुदाय के लोगों में सरकारी स्कूलों के प्रति और विश्वास पैदा हुआ और विद्यालय में नामांकन संख्या भी बड़ी है।
प्रदीप हमेश विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे हैं। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहे है। बच्चों को खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रशिक्षित किया है। इनके मार्गदर्शन में राजकीय प्राथमिक पाठशाला बशोल से 100 से अधिक बच्चों ने खो-खो, वॉलीबॉल और बैडमिंटन आदि खेलों में राज्य स्तर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। इनके मार्गदर्शन में लगातार 8 वर्ष तक खो खो छात्रा वर्ग में खंड स्तर पर और लगातार 7 वर्ष तक छात्रा वर्ग की खो खो टीम विजेता रही है।
अध्यापक प्रदीप कुमार ने कोरोना काल की आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए ऑनलाइन कार्यक्रम “हर घर पाठशाला” में राज्य स्रोत समन्वयक (रिसोर्स पर्सन) के रूप में कक्षा 5 के लिए इंग्लिश विषय की लगभग 80 से अधिक वीडियो और 100 से अधिक वर्कशीट्स तैयार की। इससे पूरे हिमाचल के बच्चों को लाभ मिला। इसके साथ ही इन्होंने अपनी पाठशाला के साथ-साथ दो अन्य पाठशालाओं के बच्चों को ऑनलाइन क्लास लगाकर आपदा के समय मे शिक्षा प्रदान की।
तकनीकी रूप से सक्षम होने के फलस्वरुप अध्यापक प्रदीप कुमार ने बच्चों की ऑनलाइन कक्षा लेने के साथ-साथ नवोदय परीक्षा की तैयारी के लिए भी विशेष रूप से कोचिंग कक्षा की शुरुआत दिसंबर ,2020 से की। इसमें पहले वर्ष में इनके पास हिमाचल के विभिन्न जिलों से 40 से अधिक बच्चे कक्षा में जुड़े जिनमें से 11 बच्चे परीक्षा में चयनित हुए। इस ऑनलाइन कोचिंग कक्षा में उनके साथ उनके साथी अध्यापक शशि पाल भी सहयोग कर रहे हैं। वर्ष 2021 में उनके पास लगभग 80 बच्चों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। जिसमें से 17 बच्चे उत्तीर्ण हुए और इस वर्ष 2022-23 के लिए जो परीक्षा हुई है उसमें उनके पास 100 से अधिक बच्चों ने (हिमाचल के साथ साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब राज्यो से) प्रशिक्षण प्राप्त किया इसमें से 28 बच्चे जवाहर नवोदय परीक्षा में उत्तीर्ण हुए और नवोदय विद्यालय में अपने-अपने जिलों और राज्यों में नवोदय विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। गौरतलब है कि इन 28 बच्चों में से 2 बच्चे उत्तर प्रदेश और एक बच्ची पंजाब, अम्बाला से है। स्वर्ण जयंती मिडिल मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा के लिए भी इन्होंने ऑनलाइन कोचिंग करवाई । इसमें प्रदीप कुमार से प्रशिक्षण प्राप्त करके तीन बच्चों को यह छात्रवृत्ति मिल चुकी है और इस वर्ष भी प्रथम चरण की परीक्षा में इनकी कक्षा के 42 बच्चे चयनित हुए हैं। दूसरे चरण की परीक्षा 3 सितंबर को होनी है।
अध्यापक प्रदीप कुमार परोपकार के इस कार्य को निरंतर चलाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके जीवन का एक मात्र उद्देश्य केवल और केवल विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास और उनको भावी जीवन के लिए तैयार करना है। शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को नए-नए नवाचारों से शिक्षण अधिगम करवाने के लिए अध्यापक प्रदीप कुमार ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिस भी विद्यालय में यह रहे हैं वहां पर उन्होंने समुदाय के सहयोग से और स्वयं के अनुदान से स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए जिसमें स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर और प्रिंटर आदि है स्थापित किए है। इससे बच्चों को वर्कशीट्स प्रिंट करके, शैक्षिक वीडियो दिखाकर और कंप्यूटर की सहायता से शिक्षा प्रदान की है। विद्यार्थियों को नि:शुल्क कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। शिक्षण अधिगम में तकनीकी का प्रयोग कर शिक्षा को रुचिकर बनाया है ।
अपने कार्यकाल में इन्होंने तीन पाठशालाओं में समुदाय के सहयोग से स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए हैं। प्राइमरी स्कूल शलाह में अध्यापक प्रदीप कुमार ने स्वयं की धनराशि से पाठशाला को एक कंप्यूटर सिस्टम उपलब्ध करवाया है। इनर व्हील क्लब शिमला की सहायता से पाठशाला में इको पार्क तैयार किया जिसमें बेकार पड़े टायरों और प्लास्टिक के कचरे की सहायता से बैठने के लिए बेंच बनाए गए हैं। वर्ष तक लगातार जिला स्तर पर विजेता रही है। अपने सेवा कार्यकाल में तीन पाठशालाओं को जहां भी वह रहे उनको स्मार्ट स्कूल बनाया गया है। इसका सारा कार्य अभिभावकों, समुदाय और स्वयं की अनुदान राशि से किया है।
जेबीटी शिक्षक प्रदीप कुमार का जन्म कंडाघाट तहसील के ममलीग गांव में एक सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में वर्ष 1984 में हुआ। इनके पिता कृष्ण दास, माता शांति देवी व पत्नी रेखा शर्मा भी इस उपलब्धि से खुश हैं। इसके पुत्र नव्य और पुत्री कौशिकी हैं। नव्य पांचवी कक्षा में,जबकि कौशिकी इन्ही के स्कूल में प्री-प्राइमरी की नर्सरी कक्षा में पढ़ते हैं।