सोलन: शहर की अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी के मंदिर में शुक्रवार प्रात: काल से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था, लेकिन दोपहर होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होती गई। गर्मी  के मौसम में लोग घंटों लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए। दोपहर करीब एक बजे मंदिर परिसर में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया। मुख्यातिथि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनी राम शांडिल  व अन्य लोगों ने पूजन व हवन किया। यह अनुष्ठान दोपहर 2 बजे तक चलता रहा। इसके बाद माता के कल्याणों ने माता की पालकी को मंदिर परिसर से जैसे ही बाहर निकाला लोगों का हुजूम माता के दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा।

ढोल- नगाड़े व हिमाचल के पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ माता की पालकी मंदिर परिसर से बाहर निकली तो सभी की निगाहें पालकी पर थी। हर कोई माता के दर्शन के लिए उतावला दिखा। जैसे ही पालकी मंदिर परिसर से सडक़ पर पहुंची, शहर की सडक़ों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने माता का आर्शिवाद लेकर खुद को कृतार्थ किया। लोगों अराध्य देवी की इसी भव्य शोभायात्रा के साथ तीन दिवसीय राच्य स्तरीय शूलिनी का आगाज हुआ।

जनभावना व आस्था का संगम

माता अपने शूलिनी नगर स्थित मंदिर से पालकी में सवार होकर सोलन शहर की यात्रा करते हुए गंज बाजार स्थित अपनी बहन से मिलने आती है। नगरवासियों की जैसे देवी में आस्था, वैसे ही जनभाावना। पूरे शहर में जगह-जगह भंडारे लगाए गए। यहां अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग व्यजंन लोगों को परोसे गए। मीठे जल की छबीलें लगाई गई। आस्था का ऐसा नमूना विश्व में शायद ही कहीं देखने को मिले।

हर कोई खींचा पालकी की ओर

मां शूलिनी के नाम से बसे सोलन शहर के लोगों का आस्था यहां देखते ही बनती थी। हर कोई यहां माता की पालकी को खींचा आ रहा था। कल्याणों व पुलिस को श्रद्धालुओ को काबू करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सोलन के इस प्रतिष्ठित मेले के उपलक्ष्य में समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी भागीदारी दर्ज करवा रहा है, जिससे पूरा शहर सज-धजकर उत्सव मना रहा है।

दो दिन बहन के घर रूकती है मां शूलिनी

शुक्रवार शुरू हुए शूलिनी मेले में दोपहर बाद माता की पालकी मंदिर से चली और चौक बाजार, अप्पर बाजार से होते हुए कुछ समय के लिए पुराने अड्डे पर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रूकी। इसके बाद माल रोड से डीसी चौक तक जाने के बाद माता की पालकी वापसी में गंज बाजार स्थित शूलिनी मां की बहन के मंदिर में रूकी। माता यहां पर दो दिन के लिए रुकती हैं और मेले के अंतिम दिन रविवार की रात्रि वह अपने शूलिनी मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगी।

इस दौरान सोलन के अलावा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों और बाहरी राज्यों से आए माता के हजारों भक्त उनकी भव्य शोभायात्रा के गवाह बने। इस शोभायात्रा में माता की पालकी के साथ दो दर्जन से अधिक विभिन्न देवी-देवताओं की झांकी वाले वाहन, जिसमें राधा-कृष्ण, शिव-गौरा, रामायण के पात्र दिखे। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आए संकीर्तन मंडली ने भी यह के माहौल को भक्तिमय बनाया।

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