नाहन: आस्था का अद्भुत उदाहरण, प्रीत और मंदीप ने पूरी की शहजादपुर से दंडवत यात्रा

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By पंकज जयसवाल

नाहन : आस्था और विश्वास का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रीत और मंदीप ने शहजादपुर से नाहन दरबार तक की कठिन दंडवत यात्रा पूरी की है। दोनों श्रद्धालु हर कदम पर भूमि को नमन करते हुए कई दिनों तक यह यात्रा करते रहे और अंततः पिछले कल नहानिया बाबा के दरबार में पहुँचकर माथा टेका।

सेवदार हिमांशु चौहान ने जानकारी दी कि नहानिया बाबा का पहला जन्म बागड़ वाले बाबा के रूप में हुआ था। उन्होंने आम के पेड़ के नीचे गहन तपस्या की थी और उनके गुरु महर्षि मार्कण्डेय ऋषि माने जाते हैं। यही नहीं, जिस स्थल पर उन्होंने साधना की थी वहाँ आज भी एक पवित्र बावड़ी मौजूद है, जिसे भक्तजन आस्था से जोड़ते हैं।

आस्था का अद्भुत उदाहरण

हर साल नहानिया बाबा की स्मृति में पटियाला, यमुनानगर और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर नाहन दरबार पहुँचते हैं। इनमें से कई भक्त दंडवत यात्रा भी करते हैं, जिसे सबसे कठिन साधना माना जाता है। इस बार प्रीत और मंदीप ने यह दंडवत यात्रा पूरी कर बाबा के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की।

नाहन के रानी का बाग स्थित चौधरी शिव मंदिर (कार्मल कॉन्वेंट स्कूल के नजदीक) उनकी प्रमुख तपोभूमि मानी जाती है। यही वह स्थान है जहाँ बाबा ने साधना कर जनकल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया था।

भक्तों का कहना है कि नहानिया बाबा के दरबार में सच्चे मन से आने पर हर मनोकामना पूरी होती है। उनकी कृपा से आज भी भक्तों को आध्यात्मिक शांति और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।