नाहन : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद इस बार अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय श्री रेणुका जी मेला-2025 में भगवान परशुराम की सभी देवपालकियां ददाहू स्थित स्कूल खेल मैदान में एकत्रित होंगी। पहले की तरह अबकी बार पालकियां गिरि नदी के तट पर नहीं बल्कि स्कूल मैदान में सजेंगी, जहां से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भगवान परशुराम की पालकी को कंधा देकर मेले का शुभारंभ करेंगे।
पिछले तीन वर्षों से परशुराम भगवान की पालकियां परंपरानुसार गिरि नदी के तट पर एकत्रित होती थीं। लेकिन स्थानीय लोगों की भावनाओं को देखते हुए समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि जिस स्थान पर पालकियां लाई जाती हैं, वहीं पर अंतिम संस्कार भी किए जाते हैं। इस कारण कई श्रद्धालु धार्मिक भावनाओं के चलते वहां जाने से परहेज करते हैं।

हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए उपायुक्त सिरमौर को निर्देश दिए कि पालकियों को ददाहू स्कूल मैदान में चार घंटे तक रखने की व्यवस्था की जाए ताकि श्रद्धालु सहजता से भगवान परशुराम के दर्शन कर सकें। अदालत ने साथ ही उपायुक्त सिरमौर को आदेश दिए हैं कि इस व्यवस्था के लिए शिक्षा विभाग को ₹20,000 की राशि दी जाए तथा मैदान में सफाई और सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम सुनिश्चित किए जाएं।
समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने अदालत के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ेगी और धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान भी बना रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार मेले के दौरान रेणुका झील में लोकायान (नौका विहार) की अनुमति दी गई है, जिससे सुरक्षा की दृष्टि से खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला 31 अक्टूबर से 5 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया जाएगा, जबकि आयोजन की तैयारियों की जिम्मेदारी उपायुक्त प्रियंका वर्मा की अगुवाई में पूरी की जा रही है।