चण्डीगढ़:  हरियाणा के खेल मंत्री गोपाल कांडा ने इनेलो द्वारा प्रदेश की खेल उपलब्धियों का राजनीतिकरण करने एवं इसका झूठा श्रेय लेने के प्रयासों की कटु निंदा की है। इनेलो पर तीखा हमला बोलते हुए श्री कांडा ने कहा कि तत्कालीन सरकार के दौरान प्रदेश में खिलाडिय़ों व खेल को समुचित बढावा देने के बजाए केवल अपने पारिवारिक एवं राजनैतिक स्वार्थों को साधने पर जोर था। जिसके चलते अभय चौटाला को हरियाणा ओलम्पिक एसोसिएशन का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। ऐसे खेल विरोधी फैसले की कोई दूसरी मिसाल पूरे विश्व में कहीं नहीं मिलती और इससे इनेलो के खेल प्रेम और खेल को प्रोत्साहन देने के तमाम खोखले दावों की असलियत का भली भांति पता चलता है।

श्री कांडा ने कहा कि विपक्ष के नेता द्वारा हरियाणा के खिलाडिय़ों को श्रेय देने के बजाए छ: साल पहले जा चुकी अपनी सरकार की खेल नीतियों को श्रेय देने की कोशिशों से जनता द्वारा लगातार चार चुनावों में हार का मजा चखने के बाद सत्ता में अपनी वापसी के लिए छटपटाहट साफ जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को जिम्मेदारी से व्यवहार करते हुए इसे अपनी उपलब्धि बताने के बजाए खिलाडिय़ों की उपलब्धि पर उन्हें बधाई देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हरियाणा की खेल उपलब्धियों व प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में खेलों को बढावा दिए जाने के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों से पता चलता है कि दूसरे प्रदेशों के खिलाड़ी अपनी-अपनी राज्य सरकारों को हरियाणा के मॉडल पर खेल नीति बनाने तथा खेलों को बढावा देने के लिए जोर डाल रहे हैं्र, जिससे हरियाणा की उपलब्धि का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

खेल मंत्री ने कहा कि इनेलो को बताना चाहिए कि यदि उनकी सरकार की नीतियां व कार्यक्रम इतने ही अच्छे थे तो उनकी सरकार के दौरान खिलाड़ी ऐसी उपलब्धियां क्यों नहीं हासिल कर पाए। उन्होंने कहा कि इनेलो सरकार 1999 में सत्ता में आई थी और 2005 तक सत्ता में रहे। फिर भी छ: साल का समय किसी भी नीति के परिणाम देखने के लिए काफी समय होता है। तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में और एकदम बाद हुए ओलम्पिक, कॉमनवैल्थ और ऐशियाई खेलों में प्रदेश के खिलाड़ी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। यहां तक कि उनकी सरकार जाने के एकदम बाद 2006 मेंं हुए कॉमनवैल्थ खेलों में देश द्वारा जीते गये 22 स्वर्ण पदकों में से प्रदेश के खिलाडिय़ों को केवल एक स्वर्ण पदक हासिल हुआ। दूसरी ओर वर्तमान खेलों में हरियाणा से सम्बन्ध रखने वाले देश के सपूतों ने 16 स्वर्ण पदक जीते, जो विपक्ष को सच्चाई का आइना दिखाने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि इन तमाम विशिष्टï उपलब्धियों के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री इसे अपनी उपलब्धि बताने के बजाए खिलाडिय़ों की मेहनत का परिणाम बता रहे हैं। वे तो साफ कहते हैं कि उन्होंने केवल खिलाडिय़ों को एक अच्छा खेल का माहौल दिया है, बाकी मेहनत एवं प्रयास प्रदेश के खिलाडिय़ों ने किए हैं। श्री कांडा नेे कहा कि विपक्ष को अभी भी अपने रवैये में सुधार करके सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए । उन्होंने प्रदेश की जनता को हरियाणा दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को सोनीपत में आयोजित किए जा रहे विशाल स्वागत समारोह में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का अनुरोध किया है।

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