चण्डीगढ: सिरसा कॉमनवेल्थ खेलों में जाट किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करेंगे। यह बात अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश मान ने आज सिरसा में एक प्रेस वार्ता में कही। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ने आरक्षण के लिए गांधीवादी तरीका अपनाने की वकालत करते हुए कहा कि जाटों को आरक्षण देने की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट महासभा के आह्वान पर हरियाणा विधानसभा का सत्र शुरू होने के प्रथम दिन 3 सितंबर को जिलास्तर पर सांकेतिक भूख हड़ताल की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज जाटों के पास जमीन घटकर प्रति किसान एक एकड़ तक पहुंच गई है । इस कारण किसान भूखमरी की कगार पर है तो जाट समाज के युवा बेरोजगारी की दंश में पथभ्रष्ट हो रहे हैं। इसी का परिणाम है कि जेलों में आज 70 प्रतिशत युवा जाट समाज से संबंधित हैं।

सभी को आरक्षण मिलना चाहिए

यही नहीं हरियाणा व पंजाब को छोड़कर देश के अन्य 10 के करीब प्रदेशों में जाटों को आरक्षण प्राप्त है और राजस्थान में तो केंद्र स्तर पर भी आरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि महासभा मांग करती है कि हरियाणा सरकार इसी सत्र में प्रदेशभर पर जाटों को आरक्षण दे और केंद्र में आरक्षण के लिए सिफारिश करे। जबकि अपनी मांग मनवाने के लिए देशभर के जाट मुद्दे को लेकर गैर राजनीतिक ढंग से सम्मेलन बुलाएंगे और जरूरत पड़ी तो जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल भी करेंगे। प्रैसवार्ता में श्री मान ने स्पष्ट किया कि जाट केवल हिंदू ही नहीं बल्कि सिख, मुस्लिम व बिश्रोई समाज में हैं जिन्हें सभी को आरक्षण मिलना चाहिए। एक सवाल के जवाब में श्री मान ने खाप पंचायतों को आज के युग के साथ थोड़ा बदलने पर बल दिया, वहीं युवाओं में चरित्र निर्माण के लिए गांव स्तर पर कार्य करने की बात भी कही। साथ ही कहा कि मैरिज एक्ट में संसोधन जरूरी है। जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि वे समगोत्र, एक गांव में शादी के विरोधी हैं पर सामाजिक सौहार्द के लिए अंतरर्जातीय विवाह को बढवा मिलना चाहिए। इस अवसर पर जाट नेता कटार सिंह सांगवान व राजेंद्र कड़वासरा भी उनके साथ मौजूद थे।

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