मंडी: बरसात के मौसम में अनेक बीमारियां पांव पसार लेती हैं। आम तौर पर बरसात में तेज बुखार से पीडि़त रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। इसीलिए लोगों को बरसात के दिनों में होने वाली बीमारियों से सावधान रहना चाहिए। इस मौसम में फैलने वाली एक बीमारी हैै डेंगू। डेंगू एक वायरस से होने बाली बीमारी का नाम है जो एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने पर विषाणु तेजी से मरीज के शरीर पर अपना असर दिखाते हैं जिससे तेज बुखार और सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसे हड्डी तोड़ ‘‘बुखार’’ या ब्रेक बोन बुखार भी कहा जाता है। डेंगू होने पर मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है जिसके कारण कई बार जान का जोखिम भी बन जाता है। डेंगूू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलता है। यह केवल मच्छर के काटने से ही होता है।

गर्मी और बरसात के मौसम में यह बीमारी तेजी से पनपती है। डेंगू के मच्छर हमेशा दिन में काटते हैं।  
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा बताते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को तेज ठंड और बुखार हो, कमर मांसपेशियों, जोड़ों और सिर में दर्द, हल्की खांसी, गले में दर्द और खराश, शरीर पर लाल-लाल दाने, थकावट, भूख न लगना और कमजोरी, उल्टी और दस्त होना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे किसी भी लक्षण पर मरीज को नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करवा लेनी चाहिए।
अगर किसी भी व्यक्ति को ऊपर दिये गये लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाएं  डेंगू की जांच के लिए एनएस1 या एलाइजा टेस्ट किया जाता है जिसके आधार पर डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज को डेंगू हुआ है या नहीं।

डेंगू से कैसे करें बचाव
डेंगू एक मच्छर से होने वाली बीमारी का नाम है अतः सभी को अपना बचाव मच्छर से करना है। डेंगू का घर एक जगह जमा साफ पानी है इसीलिए घर या आस-पास पानी 2 या 3 दिन से ज्यादा जमा न होने दें। कूलरों में मिट्टी के तेल का छिड़काव करें तथा घड़ों तथा बाल्टियों में जमा पानी को बदलते रहें। बुखार आने पर स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच जरूर करवाएं। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं। इस मौसम में घरो की खिड़कियां बन्द रखें तथा कूड़े के डिब्बे में कूड़ा जमा न होने दें। घरों में पानी की टंकियों, कूलरों, गमलों की समय-समय पर सफाई करते रहें।

क्या कहते हैं जिलाधीश
  जिलाधीश अरिंदम चौधरी का कहना है कि मंडी जिले में लोगों को डेंगू और अन्य जीवाणु तथा वायरस जनित रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित एवं जागरूक करने पर बल दिया जा रहा है। आवश्यक है जल स्त्रोतों को साफ-सुथरा रखा जाए तथा जल जनित और सभी मौसमी रोगों से बचाव को अपने आस-पास के परिवेश में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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