श्री रेणुका जी: गोवंश के संरक्षण की मुहिम कुछ ऐसी चली कि जगह-जगह गई शालाएं तो खुली, गोवंश को आसरा देने के बड़े-बड़े दावे भी किए जा रहे हैं लेकिन किसी और भी चले जाइए आवारा पशुओं की कोई कमी नजर नही आएगी | इन दिनों ग्रामीण बेजुबान पशुओं को रात के अंधेरे में दूसरे गांव या कस्बे में छोड़ रहे हैं | ऐसा ही एक मामला ददाहू के समीप चौड़-कल्याडी गांव के लोगों ने उजागर किया | आरोप है कि तिरमली गांव के कुछ लोग पुल के पास अपने पशु छोड़ रहे हैं। बताया जाता है कि जब यह पशु दूध देना छोड़ देते हैं तो यह लोग रात के अंधेरे में अपने पशुओं आसपास के गांव या ददाहू बाजार में छोड़ देते हैं।

चौड़-कल्याडी गांव के लोगों ने कुछ लोगों को शनिवार व रविवार को पशु छोड़ते हुए रंगे हाथों पकड़ा, 2 लोग कुछ पशुओं को पुल के पास छोड़ कर जा रहे थे। लोगों द्वारा तुरंत ही श्री रेणुका जी पुलिस को सूचित किया गया। तुरंत ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दोनों व्यक्तियों को उनके पशुओं को वापिस ले जाने के लिए कहा गया।  पुलिस ने पशु छोड़ने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि यदि यह लोग अपने पशु वापस नहीं ले जाते तो इनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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